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Written By ND

तकनीकी सुधार जारी रहने की संभावनाएँ

तकनीकी सुधार जारी रहने की संभावनाएँ -
- शैलेन्द्र कोठारी
नेशनल स्टॉक एक्चेंज में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान तीव्र उतार-चढ़ाव के बीच निफ्टी कुल 322 प्वॉइंट्स घटकर 5383 पर बंद हुआ। सोमवार को बाजार में भारी दबाव बना तथा मंगलवार को तो हद ही हो गई। कमजोर फ्यूचर ट्रेडर्स एवं सट्टात्मक खरीदी करने वालों के सौदे भाव की चिंता किए बगैर बेचे गए। परिणामस्वरूप निफ्टी एवं विभिन्न सूचकांकों सहित अधिकांश शेयरों ने मध्यम-अवधि पेनिक बॉटम बना लिया।

डेरिवेटिव्ज विश्लेषकों का कहना है कि पिछले पाँच दिनों के दौरान 200 से ज्यादा फ्यूचर शेयरों में ओपन इंटरेस्ट की मात्रा घटी है। शेयरों की संख्या के हिसाब से लगभग 100 कंपनियों का ओपन इंटरेस्ट 35 से 63 प्रतिशत तक कम हुआ है। यानी कमजोर या सट्टात्मक प्रवृत्ति वाले ट्रेडर्स बाजार से बाहर हो चुके हैं।

तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी के पचास शेयर्स हों या फिर स्मॉल एवं मिड-केप के सैकड़ों शेयर्स हों, सब इस कदर गिरे हैं कि इनमें अब तकनीकी सुधार के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है अर्थात पिछले सप्ताह बाजार में जो घटना घटी है, उससे ज्यादा बुरा होना फिलहाल संभव नहीं है।

एक विदेशी फंड मैनेजर का कहना है कि अधिकांश कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीद के अनुरूप हैं तथा ब्लूचिप कंपनियों के कामकाज एवं मुनाफे में वृद्धि का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। अतः दीर्घावधि निवेशक वर्तमान गिरावट के दौर को खरीदी का एक लाभदायक अवसर मान रहे हैं। जानकार निवेशक बैंकिंग एवं फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन, स्टील, सीमेंट, कैपिटल गुड्स, रिफाइनरी एवं ऑइल मार्केटिंग, पॉवर एवं टेलीकॉम इत्यादि सेक्टर्स की बड़ी कंपनियों में निचले स्तर पर सतत खरीदी कर रहे हैं।

गिरावट के इस दौर में फ्यूचर ट्रेडर्स के साथ आम निवेशकों को भी काफी नुकसान हुआ है, क्योंकि बहुसंख्य शेयरों के भाव गिरकर पाँच-सात महीने पुराने स्तर यानी जहाँ से चले थे वहीं आ गए हैं। विश्लेषक निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि यदि खरीदना ही है तो बड़ी कंपनियों के शेयर खरीदें, लेकिन प्रत्येक मिड-केप शेयर का चार्ट संकेत दे रहा है कि वर्तमान स्तरों पर इन शेयरों में भी खरीदी की जा सकती है, सिर्फ इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि कंपनी बोगस न हो।

नए इश्युओं के मार्केट में ऑन मोबाइल ग्लोबल एवं केएनआर कंस्ट्रक्शंस के इश्यू खुल चुके हैं तथा अगले दस दिनों में आठ इश्यू और आने वाले हैं। इनमें कुछ कंपनियाँ अच्छी हैं व कुछ में कोई विशेष दम नहीं है। एक मुख्य समस्या यह है कि अधिकांश शेयरों की कीमत बाजार का स्तर देखकर तय की जाती है।

अभी आ रहे सारे इश्यू 6000-6200 के निफ्टी पर यह मानकर तय हुए थे कि इश्यू आने के समय निफ्टी 6500 रहेगा अर्थात बहुत अच्छी तरह भरा जाएगा तथा निवेशक भी इन इश्युओं को यह सोचकर भरते कि लिस्टिंग के समय निफ्टी 6800 रहेगा इसलिए इश्यू में मुनाफा अच्छा मिल जाएगा, लेकिन अब माहौल बदल गया है। इसलिए इन इश्युओं में संस्थागत निवेशकों का रिस्पांस देखने के बाद ही निर्णय लेना उचित रहेगा।