तेरे होठों पर मुस्कुराहट हो
* सुनीता घिल्डियाल
जिंदगी !!!तेरे होठों पर मुस्कुराहट होतेरे माथे पर चमकता सूरज हो तेरे कांधों पर घटाओं के घेरे होंतेरी छुअन में एक उष्णता होजिंदगी !!!तू जब भी मिले मुझसेतेरा चेहरा मां से मिलता होतेरी आंखों में पिता का लाड़ हो तेरी हथेलियों में हरारत होजिंदगी !!!तू मिले, तो मिलना उजाला बनकरसूरज की गुनगुनी धूप बनकरवर्षा की रिमझिम बनकरतारों की झिलमिल बनकरजिंदगी !!!मिलना होगा तुझे सागर के पारक्षितिज के उस बिंदु परमिलते हैं जहां मौजों की गवाही मेंअंबर और धरती एक-दूजे सेजिंदगी !!!मिलना होगा तुझे...