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Written By WD

जब नन्हा सोना चाहे

उसे मीठी नींद सुलाएँ

जब नन्हा सोना चाहे -
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बच्चों के पहले कुछ सालों के दौरान माता-पिता की सबसे आम शिकायत उनकी नींद को लेकर होती है और अकसर माता-पिता होने का मतलब होता है हर रात सोते-उठते काटना।

रात में शिशु को सही समय पर सुलाने का कारण केवल उसी की नींद पूरी करना नहीं होता, बल्कि आपको भी नींद की जरूरत होती है, ताकि आप अगले दिन भी चुस्त रहकर काम-काज कर सकें।

जैसे हर गर्भावस्था और हर प्रसव भिन्न होता है, वैसे ही हर शिशु भी भिन्न होता है। कुछ शिशुओं को दिन में 20 घंटे की नींद चाहिए, तो अन्य को केवल 10 घंटे की। कुछ लगातार 3-4 घंटे तक सोते रहते हैं, तो अन्य हर 15-20 मिनट बाद उठ बैठते हैं। सोने के ये विभिन्न तरीके जन्मजात होते हैं और इन्हें आसानी से बदला नहीं जा सकता।

आप यह जरूर कर सकती हैं कि नींद के प्रति अपने शिशु के व्यवहार को प्रभावित करें। अनेक शिशुओं को रात में सुलाने के लिए कुछ खास तरह की बातें दोहराने की जरूरत पड़ती है, ताकि उन्हें लग जाए कि हाँ अब सोने का वक्त हो गया है। आप निम्नलिखित कुछ तरीकों को आजमा सकती हैं-

* आपका शिशु दूध पीते-पीते या आहार लेते-लेते ही सो जाना चाहे तो उसे हौले से बिस्तर में लिटाएँ ।

* आपके हाथों में झूलना चाहे। अनुसंधान के मुताबिक एक सेकंड में एक झूला सबसे असरदार होता है।

* सोते समय पीठ या सिर पर थपकियाँ पसंद करें।

* लोरी सुनते-सुनते सोना चाहे।

* कान पर हल्के-हल्के फूँक मारकर सोना चाहे।

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* आपकी गोदी में या 'स्लिंग' में घूमते-घूमते सोना पसंद करे।

* 'प्रैम' या 'स्ट्रॉलर' में बैठकर आगे-पीछे हिलाए जाते हुए सोना चाहे।

ऐसी बातें दोहराने से आपके शिशु को सोने में पहले हफ्ते-दस दिन के दौरान एक घंटे तक का समय लग सकता है।

धीरे-धीरे शिशु को इस बात की समझ होने लगेगी कि 'चलो सोने का वक्त हुआ। महीने-डेढ़ महीने में ही अधिकतर शिशुओं को उनकी पसंद की कोई भी बात दोहराने के 2-3 मिनट के भीतर ही आश्चर्यजनक ढंग से नींद आने लगती है।

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* यह पक्का कर लें कि शिशु के कमरे में अंधेरा हो, ताकि उसे यह न लगे कि अभी दिन ही चल रहा है।

* आहार देते समय बत्तियाँ बुझा दें।

* नैपियों को तेजी से बदलें, शिशु की पीठ थपथपाएँ और फिर उसके साथ बिना खेले या बोले उसे वापस बिस्तर में लिटा दें, ताकि उसे दिन से कुछ अलग व्यवहार लगे।

* यह देख लें कि शिशु को कोई परेशानी न हो और उस पर अच्छी तरह ओढ़ना पड़ा हुआ हो।

* अपने शिशु को हर रात उसी कमरे में उसी बिस्तर पर लिटाएँ।