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Written By ND

163 लोग फिर भी रहे मतदान से वंचित

163 लोग फिर भी रहे मतदान से वंचित -
दुर्ग-कुसुमकसा। डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र के आमाबाहरा बूथ क्रमांक-144 में बुधवार को हुए पुनर्मतदान में उत्साहपूर्वक मतदान हुआ। भारी सुरक्षा के बीच 81.18 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला। घोटिया के 163 लोगों को पुनर्मतदान के बावजूद वोट देने के अधिकार से वंचित रहना पड़ा क्योंकि प्रशासनिक त्रुटि के कारण इनका नाम अंतिम सूची में नहीं जुड़ सका था। बावजूद मतदान शांतिपूर्ण संपादित होने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली।

पुनर्मतदान को लेकर प्रत्याशियों के साथ मतदाताओं में भी भारी उत्साह देखने को मिला। सुबह 8 बजे जैसे ही मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई मतदाता बूथ केंद्र तक पहुँचने लगे। दोपहर 1 बजे तक 55 फीसदी मतदान हो चुका था। क्षेत्र के मतदाता पहली बार हो रहे पुनर्मतदान को लेकर खासे उत्साहित देखे गए। उप जिला निर्वाचन अधिकारी के.डी. कुंजाम ने बताया कि यहाँ 81.14 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला है। इस मतदान केंद्र में कुल 175 मतदाता हैं, जिसमें 91 पुरुष व 84 महिला हैं। इनमें से 72 महिलाओं और 70 पुरुषों ने मताधिकार का उपयोग किया।

इस प्रकार महिलाएँ पुरुषों से आगे रहीं। इस गाँव के 163 मतदाताओं का नाम नए मतदाता सूची में विलोपित हो गया है। इनके द्वारा पुनर्मतदान के दौरान विरोध जताने की आशंका भी व्यक्त की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मतदान के दौरान भाजपा प्रत्याशी श्रीमती नीलिमा टेकाम, कांग्रेस प्रत्याशी अनिता कुमेटी, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के जनक लाल ठाकुर व अन्य प्रत्याशी बूथ केंद्र के बाहर खड़े रहे।

पुनर्मतदान के दौरान डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग आफिसर, सेक्टर अधिकारी, जोनल अधिकारी व निर्वाचन प्रेक्षक भी मौजूद थे। मतदान की प्रक्रिया पर राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी सतत नजर रखे हुए थे। आमाबाहरा बूथ क्रमांक 144 के लिए उपयोग में लाए गए इवीएम को अलग स्ट्रांग रूप में रखा जाएगा।

घोटिया के लोगों में नाराजगी : प्रशासनिक अधिकारियों की त्रुटि के कारण मतदान से वंचित समीप के ग्राम घोटिया के कई मतदाता भी यहाँ पहुँचे थे। हालांकि उन्हें मालूम था कि उन्हें वोट डालने नहीं दिया जाएगा। 14 नवंबर को हुए मतदान में वोट देने वाले ग्राम घोटिया के ग्रामीण रामकुमार राजपूत, प्रताप निषाद, एक.के.देवांगन, शांति देवांगन, निजाम गावड़े आदि भी आमाबाहरा पहुँचे थे। इन्होंने बताया कि अधिकारियों की गलती का परिणाम आम नागरिक भुगत रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस मामले को लेकर गाँव में बेहद रोष है। (नईदुनिया)