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गुप्टिल के 'विक्ट्री स्टाइल' के चिन्ह का क्या था राज?

गुप्टिल के 'विक्ट्री स्टाइल' के चिन्ह का क्या था राज? - Martin Guptill
वेलिंगटन। न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच विश्व कप 2015 का सेमीफाइनल मुकाबला भले ही अतीत का हिस्सा बन चुका है, लेकिन जब भी इसे याद किया जाएगा, तब न्यूजीलैंड के धाकड़ बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल का दोहरा शतक (नाबाद 237 रन) भी आंखों के सामने घूम जाएगा। 24 चौकों और 11 छक्कों की मदद से दोहरा शतक लगाने के बाद गुप्टिल ने ड्रेसिंग रूम की तरफ 'विक्ट्री स्टाइल' का चिन्ह बनाया था, जिसका खास राज है...
अपने बूते पर विरोधी वेस्टइंडीज टीम को 143 रनों से हराने वाले मार्टिन गुप्टिल ने  दोहरा शतक जड़ने के बाद जब ड्रेसिंग रूम की तरफ 'विक्ट्री स्टाइल' का चिन्ह बनाया तो दर्शक और क्रिकेटप्रेमी यही समझे कि यह चिन्ह विजयी सूचक है, लेकिन असल में बात ही दूसरी थी...
 
गुप्टिल ने विक्ट्री चिन्ह इसलिए बनाया, ताकि सबको यह याद दिलाना था कि बाएं पांव में केवल अंगूठा और उसके पास वाली अंगुली यानि 'टू टोज' है। कुदरत ने भले ही गुप्टिल के साथ इंसाफ नहीं किया हो लेकिन इस शारीरिक कमजोरी के बावजूद उनमें अद्‍भुत फुर्ती है। वे विकेट के बीच ऐसी दौड़ लगाते हैं, मानों जंगल में कोई हिरण कुलांचे भर रहा हो। हाथों में इतनी ताकत होती है कि गेंद कब चौके और छक्के के लिए उड़ जाती है, कुछ पता ही नहीं चलता। 
'टू टोज' के बावजूद गुप्टिल का आत्मविश्वास साफ बताता है कि वे अधूरे क्रिकेटर कहीं से भी नहीं हैं। इसी आत्मविश्वास के बलबूते पर उन्होंने सेमीफाइनल में 24 चौकों और 11 छक्कों की मदद से 237 रनों की नाबाद पारी खेली और अपने दर्शकों को भरपूर जश्न मनाने का मौका दिया। मार्टिन गुप्टिल का जन्‍म 30 सितंबर 1986 को ऑकलैंड में हुआ। 
 
न्यूजीलैंड का यह सूरमा बल्लेबाज 'टू टोज' का क्यों है? यह भी जान लीजिए। दरअसल जब गुप्टिल बहुत छोटे थे, तब उनके बाएं पैर के ऊपर से भार उठाने वाली गाड़ी गुजर गई। गुप्टिल के माता-पिता अपने घायल बच्चे को लेकर अस्पताल दौड़े।
 
भारी वाहन के पैर पर से गुजरने के कारण अंगुलियों का कचूमर निकल गया था। डॉक्टरों ने उनके पिता से कहा कि बच्चे की अंगुलियां काटनी पड़ेंगी। भारी मन से उनके‍ पिता ने अंगुलियां काटने की स्वीकृति दे दी। ऑपरेशन हुआ और डॉक्टरों ने गुप्टिल के बाएं पैर की तीन अंगुलियां काट दीं। 
 
तब ऐसा लगा था कि अंगूठे और महज एक अंगुली के सहारे यह बच्चा चल भी पाएगा या नहीं लेकिन समय का फेर देखिए कि यह बच्चा न केवल चला, बल्कि अपने असीम आत्मबल के बूते एक बड़ा क्रिकेटर भी बन गया...
 
गुप्टिल ने न्यूजीलैंड के लिए 31 टेस्ट और 105 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। टेस्ट में उनका सर्वाधिक स्कोर 189 रन और एक दिवसीय क्रिकेट में नाबाद 237 (विश्व कप 2015) रन का रहा है।