UP News : स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया विवादित बयान, 'हिन्दू धर्म केवल धोखा है', ब्राह्मणों को लेकर भी बोले
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को एक विवादित बयान में कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं। साथ ही मौर्य ने कहा कि ब्राह्मणवाद ही समाज में सभी असमानताओं का कारण है। इस वर्ष की शुरुआत में मौर्य ने यह दावा करके विवाद पैदा कर दिया था कि हिन्दू महाकाव्य रामचरितमानस के कुछ छंद जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का "अपमान" करते हैं और मांग की थी कि इन पर "प्रतिबंध" लगाया जाए।
मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर कहा,ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है।
उन्होंने कहा कि हिन्दू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिन्दू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसे ही हिन्दू धर्म कहा जा रहा है। इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को फंसाने की एक साजिश चल रही है। अगर हिन्दू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है...।'
इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता शेखर दीक्षित ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, बौद्ध धर्म अहिंसा, प्रेम और बलिदान सिखाता है, इसलिए यदि स्वामी प्रसाद मौर्य जी हिन्दू धर्म नहीं मानते हैं, तो उन्होंने बुद्ध को पढ़ा होगा, कि वो हिन्दू धर्म के राजपूत कुल में पैदा हुए थे और उन्होंने मोह छोड़कर वंचितों और शोषितों के लिए संन्यास ले लिया था।
मौर्य 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे ।
राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने नाम लिए बिना मौर्य पर निशाना साधते हुए एक बयान में कहा,सनातन धर्म का अपमान करने वाले दलों की राजनीतिक खेती को जनता 2024 में पूरी तरह से उजाड़ देगी। उत्तर प्रदेश में विपक्ष को सभी सीटों पर हार का सामना करना पडेगा।'
शर्मा ने कहा कि सपा नेता का बयान दुर्भाग्यपूर्ण , लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन और संवैधानिक अधिकारों का हनन है। यह बयान सपा की बौखलाहट का नतीजा है।
मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए आपने वर्षो पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था इसका यह मतलब कतई नहीं कि आप हिन्दू धर्म की लगातार आलोचना करें। भाषा Edited By : Sudhir Sharma