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Last Updated : सोमवार, 16 दिसंबर 2019 (17:06 IST)

जान लीजिए FASTag की आसान प्रक्रिया, नहीं तो चुकाना पड़ेगा दुगुना टैक्स

जान लीजिए FASTag की आसान प्रक्रिया, नहीं तो चुकाना पड़ेगा दुगुना टैक्स - Without FASTag you will be charged double toll fee, things to know
15 दिसंबर से नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर वाहनों के लिए फास्टैग (FASTag - Electronic toll collection) अनिवार्य कर दिया गया है। 15 दिसंबर नियम लागू हो गया है कि अगर आपकी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगा होगा तो आपको दोगुना टैक्स भरना पड़ेगा। फास्टैग का संचालन नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की ओर से किया जा रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक फास्टैग 2.0 पायलट प्रोजेक्ट दो चरणों में लांच किया गया है। पहला चरण दरअसल एक नियंत्रित पायलट परीक्षण है, जिसके तहत केवल आईसीआईसीआई टैगों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। पायलट परियोजना के दूसरे चरण में सभी अन्य बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले टैगों को कवर किया जाएगा। जा‍नते हैं Fastag के बारे में सारी बातें- 
 
क्या होता है फास्टैग : फास्टैग अकाउंट एक तरह से प्रीपेड अकाउंट होता है। ठीक उसी तरह जिस तरह आप अपने मोबाइल की सेवा जारी रखने के लिए चार्ज देते हैं। रिचार्ज रखने के लिए शुल्क अदा करते हैं। इसमें जब फास्टैग खाते की राशि खत्म हो जाएगी, उसे रिचार्ज कराना होगा।
 
कैसे काम करती है तकनीक : फास्टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का प्रयोग किया जाता है। वाहनों के विंडस्क्रीन पर लगने वाले विशेष प्रकार के 'टैग' के कारण जैसे ही गाड़ी टोल प्लाजा के नजदीक आएगी तो वहां लगा सेंसर वाहन फास्टैग को ट्रैक कर लेगा। जैसे ही टोल प्लाजा पर आप पहुंचेंगे, वहां पर आपके फास्टैग खाते से निर्धारित शुल्क अपने आप कट जाएगा। यानी टोल प्लाजा पर आपको रुककर शुल्क जमा नहीं करना पड़ेगा। एनपीसीआई के आंकड़ों मुताबिक वर्तमान में देश के 537 टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स की वसूली की जा रही है। 
 
आपको कैसे मिलेगा फास्टैग : वाहन मालिक बैंकें माध्यम से फास्टैग को खरीद सकते हैं। भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, सिंडिकेट बैंक, आईडीएफसी बैंक और इक्विटास बैंकों से आप फास्टैग की खरीदी कर सकते हैं। पेटीएम, अमेजन डॉट कॉम, इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप, नेशनल हाईवे अथॉरिटी की माई फास्ट ऐप से भी आप फास्टैग की खरीदी कर सकते हैं। वेबसाइट पर डॉक्‍यूमेंट और डिटेल अपलोड करने के एक से दो दिन के भीतर कोरियर के माध्‍यम से आपके घर पर फास्‍टैग आ जाएगा, जिसे आप अपनी गाड़ी के शीशे पर लगाकर टोल प्‍लाजा पर बिना रुके निकल सकते हैं।
 
पड़ेगी इन डॉक्यूमेंट्‍स की आवश्यकता : फास्टैग खरीदने के लिए गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, गाड़ी मालिक की पासपोर्ट साइज फोटो, गाड़ी मालिक का केवाईसी डॉक्यूमेंट जैसे- आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ। फास्ट टैग खरीदते समय इन सभी दस्तावेजों की ऑरिजनल कॉपी रखना जरूरी है।
 
कैसे होगा रिचार्ज : फास्टैग खरीदने पर इसे माय फास्टैग ऐप की सहायता बैंक अकाउंट से लिंक किया जा सकेगा। इसमें यूजर को व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर डालना होगा, जिसके बाद फास्टैग एक्टिवेट होगा। ऐप पर यूपीआई पेमेंट के जरिए यूजर अपने फास्टैग को रिचार्ज कर सकेंगे।
 
कर सकेंगे पेट्रोल-डीजल और पार्किंग का भुगतान : टोल टैक्स पर टैक्स वसूली के अतिरिक्त जल्द ही पूरे देश में फ्यूल पेमेंट और वाहन पार्किंग चार्ज का भुगतान भी फास्टैग से किया जा सकेगा। इसकी शुरुआत हैदराबाद एयरपोर्ट से हो चुकी है, जहां कार पार्किंग समेत अन्य चार्ज का भुगतान फास्टैग (FASTag) से होगा। इसे फास्टैग 2.0 नाम से जाना जाएगा। अब यह स्कीम दिल्ली हवाई अड्डे पर भी शुरू की जाएगी।
 
चुकाना पड़ेगा दुगुना टैक्स : अगर कोई वाहन बिना फास्टैग के टोल प्लाजा की फास्टैग लेन से गुजरेगा तो दोगुना टोल टैक्स देना पड़ेगा।  इसके अलावा देशभर से टोल टैक्स पर टैक्स वसूली के अलावा जल्द ही पूरे देश में फ्यूल पेमेंट और वाहन पार्किंग चार्ज का भुगतान भी किया जा सकेगा। इसकी शुरुआत हैदराबाद एयरपोर्ट से की जा चुकी है। 
 
तो टोल टैक्स नहीं लगेगा कोई पैसा : नियमों के अनुसार किसी टोल पर स्कैनर में कोई खराबी आ जाती है और वह आपका फास्टैग स्कैन नहीं कर पा रहा है, तो इसमें आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। ऐसी परिस्थिति में आपको कोई पैसा नहीं चुकाना होगा और वह फ्री में टोल से गुजर सकेगा।
 
एक कॉल पर परेशानी हो जाएगी हल : फास्टैग का ठीक से स्कैन ना होना, फास्ट टैग का डैमेज या टूटने पर या फिर अकाउंट में पैसा होने पर टोल नहीं दे पाने जैसी परेशानियां आप एक फोन कॉल के जरिए सुलझा सकते हैं। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी के नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल करके, या फिर हाईवे ऑथोरिटी की वेबसाइट www.ihmcl.com या MyFastTag मोबाइल ऐप के जरिए फास्टैग से जुड़ी अपनी परेशानी बता सकते हैं।