सपा-कांग्रेस गठबंधन में सीटों को लेकर माथापच्ची
उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन की बात लगभग तय हो चुकी है और कभी भी इसका ऐलान हो सकता है। सपा कांग्रेस को 90 सीटें देने पर राजी हो गई है जबकि कुछ सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच बातचीत जारी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 403 सीटें हैं।
कांग्रेस अपने लिए 100 से अधिक सीटें मांग रही है। मगर सपा 85 से 88 सीट कांग्रेस को देने की बात कर रही है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी चाहते थे कि कांग्रेस पार्टी को डेढ़ सौ सीटें मिले पर इससे अंजाम देने के लिए फैसला प्रियंका के हाथ छोड़ दिया। अगर कांग्रेस सपा के इस फॉर्मूले पर राजी होती है तो फिर सपा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी की कई सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है।
सूत्रों के अनुसार पहले दो चरणों के लिए 30 सीटों को सपा ने कांग्रेस के लिए मंजूर किया है। समाजवादी पार्टी आरएलडी को 21 सीटें देने को राजी है। महागठबंध में छोटे दलों को समेटने की कोशिश जारी है जिसमें पीस पार्टी, भारतीय निषाद पार्टी, अपना दल (कृष्णा पटेल गुट) से बातचीत जारी है। छोटे दलों के लिए सपा ने 10 सीटों का कोटा तय किया है। नोएडा की सभी सीटें समाजवादी पार्टी कांग्रेस और सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है, पिछली बार कोई सीट नहीं जीत सकी थी सपा।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को ऐलान किया था कि एक-दो दिनों में गठबंधन का ऐलान कर दिया जाएगा जबकि शीला दीक्षित ने पहले ही अखिलेश के लिए वे सीएम पद की दावेदारी छोड़ने को तैयार हैं।
उधर, मंगलवार को मुलायम सिंह ने मुलाकात के दौरान अखिलेश को 38 नेताओं की एक लिस्ट सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक इसमें शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव का नाम भी शामिल है। हालांकि, अखिलेश को इस पर आखिरी में फैसला लेना है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश इनमें से कई नामों पर सहमत नहीं हैं। लखनऊ कैंट से मुलायम सिंह की दूसरी बहू अपर्णा यादव का टिकट पक्का हो सकता है तो रामपुर से बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश यादव को भी टिकट मिल सकता है। हालांकि, शिवपाल के अन्य करीबी नेताओं ओमप्रकाश सिंह, शादाब फातिमा और नारद राय के टिकटों को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता।