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Written By वार्ता
Last Modified: नई दिल्ली (वार्ता) , रविवार, 5 जुलाई 2009 (17:15 IST)

शिक्षा प्रणाली में खेल शामिल हो:गिल

Sports Minister MS Gil  education | शिक्षा प्रणाली में खेल शामिल हो:गिल
केन्द्रीय युवा मामले एवं खेलमंत्री मनोहरसिंह गिल ने मौजूदा शिक्षा पद्धति में खेलों की उपेक्षा किए जाने पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि खेलों का विकास तभी हो सकता है जब शिक्षा प्रणाली में इनके वास्ते गुंजाइश निकाली जाए।

डॉ. गिल ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि हमारा देश अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खूब पदक जीते, लेकिन इसके लिए समाज में जरूरी माहौल बनाने की दिशा में हम कुछ भी नहीं कर रहे।

उन्होंने कहा ‍कि स्कूल और कॉलेज खिलाड़ियों की नर्सरी हैं। मगर शिक्षा का मकसद ज्यादा से ज्यादा अंक पाना और इस आधार पर नौकरी हासिल करना रह गया है। शिक्षा, अंक और नियुक्ति की प्रणालियों में खेल के लिए 'स्पेस' बनाए बिना खेलों का विकास नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र लिखेंगे। वह अपने पत्र में यह आग्रह भी करेंगे कि किसी स्कूल को मान्यता देने के लिए उसमें खेल का मैदान होना अनिवार्य किया जाए।

खेलमंत्री ने कहा कि जब वह बच्चों को सडक पर खेलते देखते हैं तो उन्हें बहुत अफसोस होता है। शहरों और गाँवों दोनों में खेल के मैदानों की भारी कमी है, जिसे दूर किए बिना हम खेलों में काफी आगे तक नहीं जा सकते।

देश में खेल के मैदानों के संरक्षण और उन्हें बढावा देने के लिए खेलमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय खेल मैदान संघ का गठन किया गया है। यह संस्था खेल के मैदानों की उपयोगिता के बारे में जागरूकता लाने के अलावा उनके लिए मानक भी तय करेगी।

डॉ. गिल ने बताया कि वह तीन अगस्त को होने वाले राज्यों के खेल मंत्रियों के सम्मेलन में उनसे अपने राज्य में इस तरह के संगठन बनाने का आग्रह करेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ को राष्ट्रीय खेल विकास संगठन के तौर पर मान्यता दी है। स्कूली खेल महासंघ के विवादों को भी सुलझा कर उसकी मान्यता बहाल कर दी गई है। इससे अंतर विश्वविद्यालय और स्कूली खेलों को सरकारी मदद से नियमित तौर पर आयोजित किया जा सकेगा।

खेलमंत्री ने बताया कि देश के छह लाख गाँवों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पिका) शुरू किया गया है, जिसके तहत 11वीं पंचवर्षीय योजना में 1500 रुपए खर्च किए जाएँगे। इस अभियान के तहत पंचायत स्तर पर बुनियादी खेल सुविधाएँ विकसित करने के अलावा ब्लाक और जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं भी कराई जाएँगी।

उन्होंने कहा कि इस अभियान से देश में खेलों को बढावा मिलने के अलावा उनका विस्तार भी होगा। इस अभियान में पहले साल 22854 पंचायतों को शामिल किया गया और 19 राज्यों को कुल 92 करोड़ रुपए की रकम जारी की गई।