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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , बुधवार, 5 नवंबर 2008 (21:34 IST)

मुक्केबाजों के साथ नहीं था चिकित्सक

मुक्केबाजों के साथ नहीं था चिकित्सक -
मैक्सिको में विश्व युवा चैंपियनशिप से स्वर्ण पदक लेकर लौटी भारतीय मुक्केबाजी टीम बिना चिकित्सक के वहाँ गई थी जिसके कारण एक मुक्केबाज को घायल होने पर मजबूर होकर अपना मुकाबला बीच में छोड़ना पड़ा था।

दूसरे दौर में लाइट वेल्टरवेट के मुक्केबाज वी. संतोष के चेहरे पर अचानक ही उनके प्रतिद्वंद्वी ने मुक्का जमा दिया था जिससे उनकी आँख सूज गई थी। इस मुक्केबाज ने इसके बावजूद मुकाबला जीता, लेकिन उन्हें तुरंत उपचार की जरूरत थी।

भारतीय टीम के पास चिकित्सक नहीं था और आखिर में उनका उपचार अमेरिकी टीम के चिकित्सक ने किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उन्हें अगली सुबह के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले के लिए अनफिट करार दे दिया गया।

मुख्य कोच जी. मनोहरन ने कहा कि हमारे साथ चिकित्सक और मैनेजर नहीं था। चिकित्सक की अनुपस्थिति के कारण हमें काफी नुकसान उठाना पड़ा। संतोष बुरी तरह चोटिल हो गया था और उन्हें तुरंत मदद चाहिए थी, लेकिन एक ऐसे देश में जहाँ अधिकतर स्पेनिश भाषा बोली जाती है, हम तुरंत चिकित्सक की व्यवस्था कैसे कर सकते थे।

उन्होंने कहा कि उनका उपचार अमेरिकी टीम के चिकित्सक ने किया, लेकिन दुर्भाग्य से वह पर्याप्त नहीं था। अगली सुबह उन्हें अनफिट करार दे दिया गया जिससे हमें बहुत दुख हुआ।