खिलाड़ियों के चश्मे पर लगी ईसीबी की नजर
इंग्लैंड के खिलाडि़यों को मैचों के दौरान धूप के प्रकोप से बचने तथा अहम कैच पकड़ने और अपनी दृष्टि ठीक रखने के लिए सही प्रकार के धूप के चश्मे पहनने की सलाह दी गई है।समाचार पत्र द टेलीग्राफ में छपी रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के नेत्र रोग विशेषज्ञ तथा खेल वैज्ञानिक धूप की रोशनी से बचने के लिए ऐसे चश्मे की खोज कर रहें हैं जिससे खिलाड़ियों की आँखों को नुकसान नहीं पहुँचे। वैज्ञानिकों ने अपनी खोज के दौरान पाया कि सही प्रकार के धूप के चश्मे पहनने वाले खिलाडि़यों की गेंद देखने की क्षमता और उसे पकड़ने की क्षमता में 28 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई जबकि चश्मा नहीं पहनने वाले खिलाडि़यों की क्षमता इससे 28 फीसदी कम रही। खोज में यह भी पता चला है कि भूरे रंग के चश्मे को खिलाड़ी ज्यादा तवज्जो देते हैं लेकिन इसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। अब खिलाडि़यों को यह बताया जा रहा है कि कैसे वे सही चश्मे का प्रयोग कर अपनी देखने की क्षमता बढा सकते हैं। विभिन्न परिस्थितियों में अलग-अलग रंग के चश्मे पहने जा सकते हैं। जैसे पीले, लाल, सुनहरे, सफेद चमकीले और नारंगी चश्मे का प्रयोग विभिन्न परिस्थितियों के अनुसार किया जा सकता है। उदाहरण के लिए तेजी से उड़ती धूल के दौरान खिलाडी नारंगी रंग के चश्मे का प्रयोग कर सकते हैं। खासतौर पर जब वे सफेद गेंद से क्रिकेट खेल रहे हों।ईसीबी ने अपने स्पिनर मोंटी पनेसर को अपने प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए अलग-अलग समय में अलग-अलग तरह के चश्मे पहनने की सलाह दी गई है। उन्हें फील्डिंग मशीन से विभिन्न प्रकार के प्रकाश में चश्मे पहनकर अभ्यास करने की सलाह दी गई है। पूर्व टेस्ट अंपायर डिकी बर्ड ने भी कहा है कि उन्हें लंबे समय तक ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, भारत और पाकिस्तान में धूप में रहने के कारण आँख की समस्या पैदा हो गई थी। इसके कारण उन्हें अपनी बायीं आँख का ऑपरेशन कराकर क्षतिग्रस्त रेटीना को दुरुस्त कराना पड़ा था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान ने कहा कि वे हमेशा काले रंग के चश्मे को पहनना पसंद करते हैं जिससे वे चमकीली रोशनी के दौरान गेंद को अच्छे तरीके से पकड़ सकें। उन्होंने कहा कि मैं काले रंग के इरीडियम चश्मे पहनना पसंद करता हूँ। मैं इन चश्मों का प्रयोग हवा वाली परिस्थितियों में भी करता हूँ जिससे हवा मेरी आँखों में नहीं जा पाती है। फिर जब धूप की तेज रोशनी हो तो भी ये चश्मे मेरी आँख पर उसका असर नहीं होने देते हैं। उन्होंने कहा कि हम ज्यादातर समय मैदान पर बिताते हैं। ऐसे में खिलाड़ी धूप के चश्मे से राहत महसूस करते हैं और इससे आपको तेजी से गेंद पकड़ने में मदद मिलती है।