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पहलवानों के साथ नहीं होगी बदले की राजनीति, बृजभूषण ने दिया दिलासा

पहलवानों के साथ नहीं होगी बदले की राजनीति, बृजभूषण ने दिया दिलासा - Wrestlers need not to brave vendetta politics claims former WFI Chief Brijbhushan
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को अपने समर्थन वाले पैनल के डब्ल्यूएफआई चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कहा कि विरोध करने वाले पहलवानों को किसी भी प्रकार की प्रतिशोध की राजनीति का सामना नहीं करना पड़ेगा और उन्हें नए महासंघ से जरूरी समर्थन मिलेगा।

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण ने आश्वासन दिया कि नए पदाधिकारी निष्पक्ष रूप से काम करेंगे।  इस साल की शुरुआत में इन तीनों शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ आंदोलन चलाया था।

बृजभूषण से जब यह पूछा गया कि क्या महासंघ उन पहलवानों का समर्थन करेगा जिन्होंने उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था तो उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘सभी पहलवानों को डब्ल्यूएफआई से समर्थन मिलेगा। कोई पक्षपात नहीं होगा। कई पहलवान, नए और स्थापित, विरोध के पहले दिन (जनवरी 2023 में) धरने पर बैठे थे। इस आधार पर किसी को निशाना नहीं बनाया जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें खेल पर ध्यान देना है ना कि पहलवानों की गलतियों पर। अगर उन्हें अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा तो महासंघ निष्पक्ष नहीं रहेगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह महासंघ के दैनिक कामकाज में भूमिका निभाना जारी रखेंगे तो बृजभूषण ने कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करेंगे लेकिन अगर उनकी मदद मांगी गई तो वह सुझाव देंगे।बृजभूषण ने कहा, ‘‘वे (नई संस्था) कुश्ती को नियंत्रित करेंगे। अगर वे सुझाव लेना चाहते हैं तो मैं देने के लिए तैयार हूं।’’यह भी उम्मीद है कि नए पदाधिकारी तदर्थ पैनल द्वारा लिए गए कुछ नीतिगत फैसलों को बदल सकते हैं।

भूपेंद्र सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली तदर्थ समिति ने हाल ही में घोषणा की थी कि पहलवानों द्वारा जीता गया ओलंपिक कोटा उस विशेष पहलवान का नहीं बल्कि देश का होगा और कोटा जीतने वाले पहलवान को भी 2024 पेरिस खेलों की भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए चयन ट्रायल से गुजरना होगा।बृजभूषण ने कहा, ‘‘तदर्थ पैनल ने जो भी फैसला लिया है अगर वह कुश्ती की भलाई के लिए है तो हम उसे जारी रखेंगे।’’

भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने दावा किया कि उन्होंने सभी पदों पर कब्जा किया है। हालांकि नया महासचिव और वरिष्ठ उपाध्यक्ष राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता पहलवान अनिता श्योराण के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट का है।उन्होंने कहा, ‘‘पूरा पैनल हमारा है। जो भी जीता है वह हमारे वोट से जीता है।’’

रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड के पूर्व सचिव प्रेम चंद लोचब नए महासचिव हैं जबकि देवेंद्र कादियान ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष का पद हासिल किया। कादियान को डब्ल्यूएफआई चुनावों के बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में पहलवानों के साथ देखा गया था जो मीडिया से बात करने आए थे।

महासंघ में 12 साल का कार्यकाल बिताने वाले पूर्व प्रमुख बृजभूषण ने कहा कि पिछले 11 महीने ना केवल उनके लिए बल्कि खेल के लिए भी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थे।उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए और साथ ही कुश्ती जगत के लिए और एक तरह से देश के लिए बहुत दुखद समय था क्योंकि (उनके खिलाफ आरोपों के कारण) देश की छवि खराब हुई।’’

बृजभूषण ने कहा कि समय बीतने के साथ विरोध करने वाले पहलवान बेनकाब हो गए।उन्होंने कहा, ‘‘जब 18 जनवरी को विरोध शुरू हुआ तो ऐसा माहौल बना कि कुछ सच्चाई हो सकती है। कुछ पहलवान प्रभावित हुए लेकिन जब हमने, मीडिया और पूरे देश ने सबूत मांगना शुरू किया तो वे धीरे-धीरे बेनकाब हो गए।’’

बृजभूषण ने सुझाव दिया कि नवनिर्वाचित इकाई को 31 दिसंबर से पहले अंडर-15 और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन कराना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सुझाव है कि 31 दिसंबर से पहले अगर कैडेट और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप नहीं हुई तो नुकसान होगा इसलिए नए पदाधिकारियों से मेरा अनुरोध है कि पहले अंडर-15 और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की जाए।’’ (भाषा)
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