टोक्यो ओलंपिक के अंतिम दिन मेडल जीतने वाले नीरज और बजरंग ब्रेक के बाद लौटे ट्रेनिंग पर
नई दिल्ली:स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा अगस्त में टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद एनआईएस-पटियाला में ट्रेनिंग पर लौट गये हैं।
सात अगस्त को तोक्यो में ऐतिहासिल उपलब्धि के बाद वह ब्रेक पर थे। वह तोक्यो में एथलेटिक्स में पदक जीतने वाले पहले और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बने थे।
चोपड़ा ने बुधवार को अपनी ट्रेनिंग की फोटो के साथ ट्वीट किया, इस हफ्ते उसी भूख के साथ ट्रेनिंग पर लौट आया हूं। पिछले ओलंपिक चक्र की तरह ही शुरूआत करना अच्छा है। आप सभी को आपके संदेशों के लिये शुक्रिया।
फिट हुए बजरंग ने ट्रेनिंग शुरू की, पर सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में नहीं खेलेंगेटोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने घुटने की चोट से उबरने के बाद ट्रेनिंग शुरू कर दी है लेकिन वह 2022 के लिये खुद को अच्छी तरह तैयार के लिये इस साल सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शिरकत नहीं करेंगे।
ओलंपिक से पहले 27 साल के पहलवान के लिगामेंट में खिंचाव आ गया था लेकिन वह फिर भी तोक्यो ओलंपिक की 65 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा का कांस्य पदक जीतने में सफल रहे थे।उन्हें छह हफ्ते के रिहैबिलिटेशन की सलाह दी गयी थी जिससे वह इस महीने विश्व चैम्पियनशिप में नहीं खेल सके थे।
रेलीगेयर ग्रुप द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह के मौके पर बजरंग ने कहा, मेरा घुटना अब ठीक है। मैंने दो दिन पहले ही ट्रेनिंग शुरू कर दी है। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं लेकिन मैं इस साल किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लूंगा। अगले साल तरोताजा रहने के लिये मैं इस साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भी नहीं खेलूंगा।
उन्होंने हालांकि अगले साल की योजना का खुलासा करने से इनकार कर दिया।बजरंग ने कहा, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मैं इस साल कोई प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट नहीं खेल रहा हूं, यह तो तय है। लेकिन अगले साल की योजना बनानी बाकी है।
सीनियर कुश्ती राष्ट्रीय चैम्पियनशिप उत्तर प्रदेश के गोंडा में 19 से 21 नवंबर तक खेली जायेगी।वह अपने व्यक्तिगत कोच जार्जिया के शाको बेनेटिनिडिस के साथ काम करना चाहते हैं लेकिन उनका कहना है कि अंतिम फैसला भारतीय कुश्ती महासंघ का होगा।
उन्होंने कहा, महासंघ जो फैसला करेगा, वह ठीक होगा। लेकिन मैं निश्चित रूप से शाको के साथ काम करना जारी रखना चाहूंगा। लेकिन यह फैसला करना महासंघ का काम है।