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Last Modified: सोमवार, 20 अप्रैल 2015 (12:11 IST)

बैंकॉक में शूटर्स अंजली-हिना के साथ हुआ ये सुलूक

बैंकॉक में शूटर्स अंजली-हिना के साथ हुआ ये सुलूक - Indian shooters, Anjali, Heena, Jet airways, Bankok
भारत में क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों के खिलाड़ियों ज्यादा तवज्जो नहीं दिया जाता। इन खेलों के खिलाड़ियों को कई अनेक तरह की परेशानियों से रूबरू होना पड़ता है। ऐसी एक घटना भारत की दो महिला शूटर्स खिलाड़ियों के साथ घटी।

विश्व नंबर एक खिलाड़ी अंजली भागवत और हिना सिद्धू के साथ यह घटना घटी। इस घटना के दर्द को जब सोशल मीडिया पर दोनों खिलाड़ियों ने बयां किया तो लोगों ने विमान कंपनी पर गुस्सा उतारा। 
 
जेट एयरवेज ने प्लेन पर चढ़ने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि वे अपने साथ अपने हथियार लिए थीं। यह घटना तब घटी जब अंजली भागवत (विश्व नंबर 1, 2002) और हिना सिद्धू ( विश्व नंबर 1, 2013) अपने घर भारत लौट रही थीं। 
 
दरअसल, इसमें कोई दो-राय नहीं है कि वे अगर शूटर खिलाड़ी हैं तो उनके पास हथियार तो होंगे ही। बावजूद इसके उन्होंने अपने दस्तावेज एयरवेज ऑफिसर को दिखाए, लेकिन फिर भी उनके हाथ निराशा ही लगी।
 
हिना सिद्धू ने अपने फेसबुक पेज में यह लिखा है कि वे अंजली के साथ कोरिया से बैंकॉक होते हुए मुंबई आ रही थीं। हमने बूसान से बैंकॉक के लिए एक फ्लाइट ली। इसके बाद हमारी अगली फ्लाइट बैंकॉक से मुंबई के लिए थी। 
 
वे लिखती हैं कि यहां हमें जेट एयरवेज से मुंबई जाना था। जैसा कि वह कोड-शेयर्ड फ्लाइट थी तो हमने बूसान में ही जेट एयरवेज के बोर्डिंग पास ले लिए थे और वहां पर ही अपने हथियार भी चेक करवा लिए थे।                 
 
हम 12.30 पर बैंकॉक में लैंड हुए, और जब जेट एयरवेज में चढ़ने की बारी आई तो हमें साधारण तरीके से सूचित कर दिया गया कि आप जेट एयरवेज में नहीं चढ़ सकते क्योंकि आप अपने साथ हथियार लिए हुए हैं। यह तब किया गया जब कोरिया में इसके पहले हमें क्लीयरेंस दिया जा चुका था।
 
बैंकॉक एयरपोर्ट रात को चालू नहीं रहता और उसके सब काउंटर भी उस वक्त बंद हो चुके थे। अब इतने वक्त इंतजार करने के बाद हमने बैंकॉक का वीजा के लिए एप्लाई किया। हम एयरपोर्ट के बाहर निकले, काउंटर 6 बजे खुलने थे तो हम तब तक बाहर 4 घंटों तक भूंखे प्यासे इंतजार करते रहे।         
 
लगभग 6.30 पर हम जेट एयरवेज के काउंटर पर पूछताछ के लिए गए। जेट सिक्योरिटी मैनेजर शैलेश गाला से हमारी बातचीत हुई उन्होंने हमसे कहा ने कि हमें थोड़ा पहले बताना चाहिए था। जब हमने पूरा वाकया बताया तो उसने कहा अपने पेपर्स दिखाओ।
 
हमने अपने सारे पेपर्स दिखाए। हम डीजीसीए का परमिट, कस्टम क्लीयरेंस, फेडरेशन का लेटर, अपनी स्पोर्ट्स आईडी, और अपना वैद्य लाइसेंस लिए थे।  हांलांकि फ्लाइट में चढ़ने के लिए इनमें से किसी भी डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होती।
 
उसने हमारा डीजीसीए परमिट लिया और कहा इस परमिट की शब्दावली ठीक नहीं है इसीलिए तुम लोग नहीं जा सकते। हमने उनसे कहा कि क्या आप हमें लिखकर दे सकते हैं कि फ्लाइट में चढ़ने के नियम क्या होते हैं। उसने कहा बिल्कुल नहीं और वहां से चला गया।  
 
हमें दूसरी प्लाइट देने व हमें किसी भी प्रकार की मदद मुहैया कराने का कोई प्रयास नहीं किया गया। हमनें बाद में एयरइंडिया फ्लाइट पकड़ी और मुंबई लौटे। हालांकि एयरइंडिया में इसके बारे में कोई सवाल-जवाब नहीं सुनने को मिले। (Photo courtesy : Facebook)