उज्जैन। महाकाल की नगरी मध्यप्रदेश के उज्जैन में अक्षय तृतीया के मौके पर हो रहे सिंहस्थ के दूसरे शाही स्नान में सोमवार तड़के से लेकर देर रात तक साधु-संतों समेत कम से कम 45 लाख से अधिक श्रद्धालु मोक्षदायिनी क्षिप्रा में आस्था की डुबकी लगा चुके थे। उज्जैन में भारी बारिश के बाद भी श्रद्धालुर्ओ की आस्था में कहीं कमी नहीं देखी गई। देश-विदेश के लाखों लोगों ने शाही स्नान का पुण्य कमाया।
* उज्जैन में दोपहर बाद हुई बारिश परेशानी का सबब बन गई। सोमवार की दोपहर शुरू हुई तेज आंधी और जोरदार बारिश ने लाखों श्रद्धालुओं और प्रशासन को मुसीबत में डाल दिया। आंधी और बारिश से एक की मौत और 2 श्रद्धालुओं के घायल होने की खबर है, जिसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है। बारिश के बाद उज्जैन शहर अंधेरे में डूब गया। कुछ स्थानों पर ओले गिरने के भी समाचार हैं। बारिश के कारण कई पंडालों में पानी भर गया और कुछ तो उखड़ भी गए।
* शाही स्नान के दौरान दोपहर करीब 3 बजे अचानक आसमान पर घने काले बादल छा गए। कुछ देर बाद तेज बारिश शुरू हो गई। इस दौरान कई जगहों पर ओले भी गिरे। अचानक शुरू हुई बारिश से अफरा-तफरी का माहौल बन गया था, लेकिन तेज बारिश के बाद भी लोग स्नान करते रहे।
* तेज आंधी के कारण मंगलनाथ और लालपुरा क्षेत्र में कई जगहों पर पंडाल उखड़ गए हैं। मंगलनाथ में पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में दो लोगों के घायल होने की सूचना है। कई पंडालों में पानी भरने से साधु-संत समेत श्रद्धालु परेशान हुए।
* मेला क्षेत्र स्थित कम्प्यूटर बाबा के पंडाल का गेट फिर से गिर गया है। आंधी से मेघदूत ढाबे के सामने एक बड़ा टॉवर गिर गया है। हालात को देखते हुए प्रशासन ने हाईअलर्ट जारी कर दिया। मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी थी कि दोपहर 2 बजे के बाद बारिश और आंधी का अंदेशा है।
* बारिश आने से पहले सोमवार की सुबह उज्जैन की ऐसी कोई गली नहीं थी, जहां 1000 से अधिक श्रद्धालु न हों। जहां नजर दौड़ाओ, उधर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ था।
* रविवार रात से ही स्थानीय प्रशासन ने रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट को सुरक्षा के लिहाज से कवर कर लियाा था। यहां पर अन्य लोगों को जाने की इजाजत नहीं थी, लेकिन दूसरे घाटों को भगवान के हवाले कर दिया था।
* उज्जैन की सड़कों की हालत ऐसी हो गई थी कि वहां पैर रखने की जगह तक नहीं थी। शाही स्नान की चाहत में श्रद्धालु सड़क के बजाए रेल की पटरी-पटरी चलकर उज्जैन पहुंच रहे थे।
* रात में ही देवास, मक्सी, बड़नगर से उज्जैन आने वाले रास्तों पर लंबा जाम देखा गया।
* स्थानीय प्रशासन ने तड़के सुबह 4 बजे से सभी अखाड़ों को स्नान करने की अनुमति दी थी। अखाड़ों के स्नान के बाद आम लोगों ने स्नान किया, जो देर रात तक जारी रहा। रिमझिम बारिश में श्रद्धालुओं ने स्नान करके अपने खाते में पुण्य जमा किया।
* उज्जैन सिंहस्थ में तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश शुरू।
* नित्यानंद सर्वाधिक समर्थकों के साथ रामघाट पर पहुंचे। इनके समूह में महिलाओं की संख्या काफी थी। जानकारी के मुताबिक, 4000 अनुयायियों के साथ शाही स्नान के लिए पहुंचे थे नित्यानंद।
* इंदौर-उज्जैन रोड पर वाहनों का रैला लग गया। कई जगह जाम जैसी स्थिति नजर आई। सुबह उज्जैन आने वाले लोगों को भूखी माता से पहले ही रोक दिया गया।
* शाही स्नान के दौरान समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण इंदौर निवासी यशोदाबाई पति कचरूलाल एवं नागदा निवासी भेरूलाल पिता देवीलाल की मौत हो गई।
* एएसपी मनोज केड़िया दवारा एक नागा साधु को धक्का दिए जाने से नाराज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि एवं निरंजनी अखाड़े के अन्य साधु-संत धरने पर बैठ गए।
* सिंहस्थ के दूसरे शाही स्नान में प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री मनीषा कोईराला ने भी अमृत कुंभ में लगाई डुबकी।
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* उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ में आज दूसरा शाही स्नान चल रहा है। सुबह चार बजे से ही अलग-अलग अखाड़े के साधुओं का दल पवित्र क्षिप्रा नदी में डुबकी लगा रहा है। आज शाही स्नान के लिए अखाड़ों को 30 मिनट की जगह एक घंटे का वक्त दिया गया है।
*श्रृृद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। अब तक का आंकड़ा 50 लाख के पार होने का अनुमान। प्रभारी मंत्री श्रीभूपेंद्र सिंह अनुसार शाम तक श्रद्धालुओं के रिकार्ड तोड़ स्नान की करने की उम्मीद। प्रभारी मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह और डीजीपी श्री सुरेंद्र सिंह पुलिस कंट्रोल रूम से ले रहे व्यवस्थाओं का जायजा।
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* शाही स्नान के दिन कई रोचक नजारे भी दिखे। कई संत अपने बुजुर्ग संतों को गोद में उठाकर लाए।
* नृसिंह घाट पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी। भारी संख्या में उमड़ी भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन के पुख्ता इंतजाम कर रखें हैं।
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* सरकार के अनुसार, दूसरे स्नान के लिए लगभग 25 लाख श्रद्धालु इस प्राचीन शहर में आए हैं। जबकि सूत्रों के अनुसार क्षिप्रा नदी पर बनाए गए 09 किलोमीटर क्षेत्र के घाटों पर सुबह सात बजे तक 40 लाख लोगों ने स्नान किया।
* दोपहर 12 बजे तक सभी 13 अखाड़ों के स्नान के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए घाट खोल दिए जाएंगे। कुंभ के आखिरी दिन 21 मई को तीसरा और अंतिम शाही स्नान होगा।
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* वैष्णो संप्रदाय के महामण्डेलेश्वर सहित साधु संतों ने राम घाट पर स्नान किया। पुलिस की किले बंदी सुरक्षा के बीच शाही स्नान के तहत रामघाट एवं दत्त आखाड़ा घाट को कल रात पूरी तरह खाली करा लिया गया था।
* अब वैष्णव अखाड़े के साधुओं का स्नान आरंभ।
इस स्नान के दौरान आसमान में होगी दुर्लभ घटना : दूसरे शाही स्नान के दौरान आसमान में दुर्लभ खगोलीय घटना भी होने वाली है, जिसे पारगमन कहा जाता । ऐसा तब होता है, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच बुध या शुक्र ग्रह आता है। इस खगोलीय घटना को नंगी आंखों, धूप के चश्मे या वैल्डिंग कांच आदि से देखना आंखों के लिए नुकसानदेह है।
कब हुआ था पहला पारगमन : बुध का पहला पारगमन 7 नवंबर 1631 को देखा गया था। इसके बाद तीन पारगमन 15 नवंबर 1999, 7 मई 2003 और 8 नवंबर 2006 को हुए। अगले पारगमन 11 नवंबर, 2019, 13 नवंबर 2032, 7 नवंबर 2039 और 7 मई 2049 को होंगे।
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* उज्जैन में इस सदी के दूसरा शाही स्नान शुरू, मोक्षदायनी क्षिप्रा नदी में लाखों लोगों ने डूबकी लगाई।
* उत्तराखंड में आज से शुरू हो रही है छोटा चार धाम यात्रा, तबाही के बाद श्रद्धालुओं की तादाद में गिरावट
* उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में श्रद्धालुओं ने किया शाही स्नान
* प्रेस बॉक्स में पत्रकारों से अभद्र व्यवहार करने के चलते पत्रकारों में काफी गुस्सा। मीडियाकर्मियों ने जब इस बात का विरोध किया तो प्रशासन ने कुछ पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार किया जिसके चलते प्रात: आधा घंटे के लिए लाइव मीडिया कवरेज रोक दिया गया। आधिकारियों के बहुत समझाने और माफी मांगने के बाद पत्रकार लोग शांत हुए। दरअसल, प्रेस बॉक्स में अचानकर कुछ पुलिसकर्मी घुसे और उन्होंने पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया।
* रामघाट पर प्रतिबंध के चलते अलग से आए साधुओं में रोष। इन साधुओं का रामघाट पर स्नान की अनुमति नहीं दी गई।
* रामघाट और दत्त अखाड़ा क्षेत्र के घाट को छोड़कर सभी घाटों पर रात बारह बजे से ही स्नान के लिए भीड़ जुटना शुरु हो गई थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग 35 लाख लोग इस शाही स्नान में डुबकी लगाएंगे।
* कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच श्रीपंचदंशनाम जुना आखाड़ा अह्वाहन एवं अग्नि आखाड़े अपने निर्धारित समय 04 बजे दत्त आखाड़ा घाट पर पहुंच कर स्नान किया और पांच बजे अपनी छावनी की ओर रवाना हो गए। इसके बाद तपोनिधी, निरंजनी आखड़ा एवं पंचायती आखाड़ा अपने निर्धारित पांच बजे के बजाए 6 बजे दत्त आखाड़ा पर स्नान किया। इसके बाद श्री पंचायती महानिर्वाणी आखाड़े एवं पंच अटल आखाड़े का स्नान प्रारंभ हुआ। उक्त आखाडों में महामण्डेलेश्वर सहित हजारों नागा साधु संतों के अलावा सिंहस्थ के दौरान गत दिनों दीक्षा ग्रहण करने वाले साधु संतों ने भी स्नान किया।
* शाही स्नान प्रात: 4 बजे से शैव अखाड़ों के नागा सन्यासियों के स्नान से प्रारंभ हुआ। स्नान की शुरुआत जूना अखड़ा के पुजारी हरि गिरी द्वारा रामघाट पर पूजा अर्चना के साथ हुई। जूना अखाड़ा के नागा बाबाओं ने हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए पवित्र शिप्रा नदी में प्रवेश किया।
* दत्त अखाड़ा घाट एवं रामघाट पर शाही स्नान में सुबह 4 बजे से 12.40 बजे तक निर्धारित क्रमानुसार विभिन्न अखाड़ों के साधु, संत स्नान कर रहे हैं।
* स्थानीय प्रशासन द्वारा शाही स्नान के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं एवं प्रबंध सुनिश्चित कर लिए गए हैं। एडीजी मधु कुमार ने कहा कि स्नान के दौरान अखाड़ों के आगे-पीछे, दाएं और बाएं घाटों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस और पैरामिलेट्री बल के जवान तैनात रहेंगे। भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था भी सुनियोजित होगी।
*मधु कुमार के अनुसार शाही स्नान के लिए जुलूस मार्ग की धुलाई, चूने की लाइनिंग, मार्ग पर पानी का छिड़काव एवं घाटों पर स्नान के लिए पहुँचे साधु-संतों का परम्परागत तरीके से स्वागत एवं सत्कार किया जाएगा। शाही स्नान के लिए सभी अखाड़ों के स्नान-क्रम और घाटों पर आने-जाने के लिए मार्ग निर्धारित किए गए हैं।