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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 7 मार्च 2024 (12:08 IST)

महाशिवरात्रि पर करें शिवजी की निशीथ काल और 4 प्रहर में पूजा, तभी मिलेगा लाभ

निशीथ काल पूजा समय- रात्रि (मार्च 09) 12:07 am से 12:56am.

Mahashivratri nishita kala puja time
Mahashivratri 2024: इस वर्ष 8 मार्च शुक्रवार 2024 महाशिवरात्रि पर दुर्लभ योग संयोग बन रहे हैं। महाशिवरात्रि का अर्थ होता है शिव की महान रात्रि। महाशिवरात्रि पर रात में ही शिवलिंग की पूजा करने का खास महत्व होता है। हालांकि इस बार सभी को रात में ही पूजा करना होगी इसका कारण यह है कि रात्रि में ही चतुर्दशी प्रारंभ हो रही है। इसमें भी निशीथ काल में और चार प्रहर पूजा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं। हिंदू पंचाग कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार प्रतिवर्ष यह फाल्गुन मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी को आता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 08 मार्च 2024 शुक्रवार के दिन यह त्योहार मनाया जाएगा।
 
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 08 मार्च 2024 को रात्रि 09:57 बजे।
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 09 मार्च 2024 को 06:17 बजे।
नोट: इसका अर्थ है कि रात को 09 बजकर 57 मिनट पर ही इस पर्व को मनाए जाने का महत्व है।
 
निशीथ काल पूजा समय- रात्रि (मार्च 09) 12:07 am से 12:56am.
 
निशीथ काल क्या होता है : निशीथ या निशिता काल को आमजन इसे मध्यरात्रि या अर्ध रात्रि काल कहते हैं। यह समय 12 बजे के आसपास का होता है। साल के कुछ दिनों को छोड़कर जैसे दीपावली, 4 नवरात्रि, जन्माष्टमी, महा शिवरात्रि पर निशीथ काल महानिशीथ काल बनकर शुभ प्रभाव देता है जबकि अन्य समय में दूषित प्रभाव देता है।
Mahashivratri 2024
चार प्रहर पूजा : महाशिवरात्रि पर शिवजी की जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक और रुद्राभिषेक करके प्रसन्न किया जाता है। शिवजी की पूजा रात्रि के 4 प्रहर में होती है।
 
शिवजी की 4 प्रहर की पूजा का समय:
प्रथम प्रहर : शाम 06:25 से रात्रि 09:28 के बीच।
द्वितीय प्रहर : रात्रि 09:28 से 12:31 के बीच (09 मार्च)।
तृतीय प्रहर : रात्रि (09 मार्च) 12:31 से 03:34 के बीच।
चतुर्थ प्रहर : तड़के (09 मार्च) 03:34 से 06:37 के बीच।
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