सेक्स और गर्भनिरोध के 5 मिथक, जरूर पढ़ें...
सेक्स को लेकर भारतीय समाज में जितना खुलापन पहले था अब इसे लेकर उतनी ही बन्दिशें लगाई जाती है। खुलेपन से कई लोग अश्लीलता, स्वछन्द यौनाचार या पोर्न समझते हैं लेकिन सबसे अधिक जरूरत है सेक्स के बारे में सही जानकारी होना। अधूरी या चोरीछुपे अधकचरी जानकारी की वजह से हर साल लाखों अनवांछित गर्भाधान होते हैं और इनमें से अधिकतर को चिकित्सीय तरीके से एबार्ट करवाया जाता है। यदि बच्चे का जन्म हो जाता है तो लोकलाज के डर से नवजातों को लावारिस छोड़ने के ढेरों मामले आजकल पढ़ने को मिलते हैं।
मानव इतिहास में हजारों वर्षो से गर्भनिरोधकों का प्रयोग किया जा रहा है। आधुनिक समय के साथ गर्भनिरोध के तरीकों में बदलाव जरूर आए, लेकिन विचार वही रहा। लेकिन विडंबना है कि जैसे-जैसे गर्भनिरोध (कॉन्ट्रासेप्टिव) के तरीके इजाद होते रहे, उनसे जुडी भ्रांतियों ने भी जन्म लेना शुरू कर दिया। माना जाता है कि स्मार्ट युग की पीढी को सेक्स और गर्भनिरोधकोंके बारे में पहले के मुकाबले ज्यादा जानकारी है। लेकिन यह मान्यता भी उतनी सही नहीं है।
विशेषज्ञों की मानें तो इंटरनेट इस वक्त सेक्स विषयों पर जानकारी का सबसे बडा स्रोत बन गया है। यह सही है कि इंटरनेट से ज्यादा अच्छी कोई लाइब्रेरी नहीं है, लेकिन वहां मौजूद हर जानकारी सही हो, यह कहना उचित नहीं है। सेफ सेक्स या गर्भनिरोध की भ्रांतियों या मिथकों पर आप भी डाले एक नज़र...