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बुधवार, 8 फ़रवरी 2017 (18:47 IST)
समय के साथ सब कुछ बदलता रहता है लेकिन उनमें से कुछ बदलाव लाभदायक होते हैं और कुछ नुकसानदायक। जैसे परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती को अपनाया जा रहा है। जैसे परंपरागत जलस्रोतों को छोड़कर आरो का जल पीया जा रहा है। पूर्वजों के अनुभव से प्राप्त परंपराएं और ज्ञान को संरक्षित करने के महत्व को शायद ही कभी कोई समझता होगा। हालांकि जब यह ज्ञान या परंपरा खो जाती है, तो इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है। परंपरागत ज्ञान ही है विज्ञान।
भारत में ऐसी बहुत सारी परंपराएं और ज्ञान प्रचलन में था, जो अब लुप्त हो गया है या जो अब प्रचलन से बाहर है। परंपरागत ज्ञान या परंपरा का महत्व ही कुछ और था। ये परंपराएं व्यक्ति को हर तरह की बाधाओं से मुक्त रखने के लिए होती थीं, लेकिन अब ये प्रचलन में लगभग बाहर हो चली हैं। खैर..हम आपको बताना चाहते हैं कि परंपरागत रूप से कैसा होना चाहिये आपका
रसोई घर जिसे स्थानीय भाषा में चौका-चुल्हा और अंग्रेजी में
किचन कहते हैं।
घर में फालतू का सामान बहुत होता है और छूट जाती है वे जरूरी वस्तुएं जो हमारे जीवन में संकट के दौरान काम में आती है। आधुनिक युग में व्यक्ति उन वस्तुओं पर ज्यादा आश्रित हो गया है जो विज्ञान के द्वारा जन्मी है, लेकिन उन वस्तुओं के अभाव में व्यक्ति खुद को पंगु महसूस करने लगता है।
रसोई हो आग्नेय कोण में : हम यह बताएं कि रसोई घर में क्या क्या रखें उससे पहले आप यह सुनिश्चत करें की आपका रसोई घर आग्नेय कोण में हो और जिसके पूर्व में एक उजालदान या खिड़की खुली हो। रसोई घर के लिये यह सबसे बेहतर स्थान होता है। हालांकि यदि आपका किचन आग्नेय कोण में नहीं है तो फिर किसी वास्तु विशेषज्ञ से मिलें। अगले पन्ने पर जानिए कौन-कौन सी वस्तुएं घर में रखना जरूर है।..