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Written By अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

भविष्य वक्ताओं अनुसार कौन है भारत का मसीहा?

भविष्य वक्ताओं अनुसार कौन है भारत का मसीहा? - Who will be the India's Messiah
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यदा-यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥7॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे ॥8॥- श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय-4

भावार्थ : जब-जब धर्म की हानि होने लगती है और अधर्म आगे बढ़ने लगता है, तब-तब मैं स्वयं की सृष्टि करता हूं अर्थात् जन्म लेता हूं। सज्जनों की रक्षा एवं दुष्टों के विनाश और धर्म की पुनःस्थापना के लिए मैं विभिन्न युगों (कालों) मैं अवतरित होता हूं।

वेद और पुराणों अनुसार भगवान अपने कार्यों को किसी के माध्यम से भी कराते रहे हैं।

रामचरितमानस में एक चौपाई है कि...
''करहि अनीति जाई नहीं बरनी। सीदहि विप्र धेनु सुर धरनी।।
तब-तब प्रभु धरी विविध शरीरा। हरही कृपा निधि सज्जन पीरा।।''

भावार्थ : जब-जब धर्म का ह्रास होता है और नीच अभिमानी राक्षस बढ़ जाते हैं तथा ऐसा अन्याय करते हैं कि जिसका वर्णन नहीं हो सकता। उनसे ब्राह्मण, गौ, देवता और पृथ्वी कष्ट पाते हैं, तब-तब कृपानिधान प्रभु भांति-भांति के दिव्य शरीर धारण कर सज्जनों कि पीड़ा हरने इस पृथ्वी पर जन्म लेते हैं।

आजादी के आंदोलन के समय और आजादी के बाद भारत के संदर्भ में बहुत से विद्वानों और भविष्य वक्ताओं ने भविष्यवाणियां की हैं। उन सभी की भविष्यवाणियां इस ओर इशारा करती हैं कि भारत में एक ऐसी आध्यात्मिक चेतना का जन्म हो चुका है जिसके विचारों का लोहा विश्व के सभी धार्मिक समूह और राजनेता मानेंगे।

सभी भविष्य वक्ताओं ने 21वीं सदी में भारत के विश्वशक्ति बनने और ऐसे एक महान धार्मिक व्यक्ति के उदय की भविष्यवाणियां की हैं, जो दुनियाभर में अपने विचारों को लेकर प्रसिद्ध होगा। नास्त्रेदमस हो या प्रो. कीरो सभी देशी-विदेशी भविष्य वक्ताओं ने भारत में एक मसीहा के जन्म की भविष्यवाणी की है। आओ जानते हैं कि सभी किस तरह भारत को लेकर एकमत हैं।

 

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स्वामी विवेकानंद ने भविष्यवाणी करते हुए कहा था- 'भारत का पुनरुत्थान होगा, पर वह जड़ की शक्ति से नहीं, वरन् आत्मा की शक्ति के द्वारा। वह उत्थान विनाश की ध्वजा लेकर नहीं, वरन् शांति और प्रेम की ध्वजा से, संन्यासियों के वेश से, धन की शक्ति से नहीं, बल्कि भिक्षापात्र की शक्ति से संपादित होगा।' (विवेकानंद साहित्य पुस्तक, भाग 9 पृ. 380)।

स्वामीजी ने कहा- 'मैं अपने मानस चक्षु से भावी भारत की उस पूर्णावस्था को देखता हूं, जिसका तेजस्वी और अजेय रूप में वेदान्ती बुद्धि और इस्लामी शरीर के साथ उत्थान होगा...। हमारी मातृभूमि के लिए इन दोनों विशाल मतों का सामंजस्य- हिन्दुत्व और इस्लाम- वेदान्ती बुद्धि और इस्लामी शरीर- यही एक आशा है।'

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फ्रांस के भविष्य वक्ता नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की किताब में लिखा है, 'भारत में एक नई शक्ति का उदय होगा। एशिया में वह होगा जो यूरोप में नहीं हो सका होगा। एक महान् व्यक्तित्व भारत में जन्म लेगा और शांति दूत के रूप में उसकी ख्याति होगी। पूर्व के सभी राष्ट्रों पर वह हावी होगा। वह लोगों में धर्म बांटेगा। एशिया का वह शांति दूत जब रक्तपात, भूकम्प, बीमारियां, अकाल, युद्ध और भय से मानवता बेहाल होगी, तब वह मानव धर्म व मानव प्रेम का संदेश सबको सुनाएगा। उसके संदेश को सुनने के लिए सभी विवश होंगे।

अब सोचें धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वाले नेता क्या धर्म बांटेंगे? इसका मतलब यह कि कोई धार्मिक व्यक्ति ही लोगों को सही मार्ग पर लाकर भारत का भविष्य उज्ज्वल बना सकता है, कोई राजनेता नहीं?

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आगे नास्त्रेदमस लिखते हैं, 'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रशंसा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।' (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)

तीन ओर समुद्र से तो भारत ही घिरा हुआ है। भारत में गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से मानते हैं। भारत में पहले भी राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, चाणक्य आदि महापुरुषों का जन्म हो चुका हैं जिन्होंने तत्कालीन समाज को काफी प्रभावित किया था।

पांच नदियों के प्रख्‍यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के ‍जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)

'साम्प्रदायिकता और श‍त्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)

'भलों पर सवार होकर वह सही का साथ देगा, वह हमेशा चौकोर पत्थर पर बैठा रहेगा, दक्षिण की ओर बायें हांथ पर एक अजीब छडी लिए, मुह बंद होगा उसका।'- (v-75वां सूत्र)

'एशिया में वह होगा जो यूरोप में नहीं हो सका होगा। एक विद्वान शांतिदूत पूर्व के सभी राष्ट्रों पर हावी होगा|'- (g-75)

अगले पन्ने पर अमेरिकी भविष्य वक्ता एंडरसन की भविष्यवाणी...


अमेरिका के एक प्रसिद्ध भविष्य वक्ता एंडरसन ने भविष्यवाणी की है कि भारत के छोटे से देहात में जन्मा एक परम् धार्मिक व्यक्ति मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बनेगा। जनता उसे बहुत मानेगी। वह व्यक्ति समस्त विश्व के लिए आदर्श संविधान का निर्माण करेगा।

संविधान के अनुसार सारे संसार की एक भाषा, एक संघीय राज्य, एक सर्वोच्च न्याय पालिका, एक झंडा आदि का विधान होगा। इस व्यक्ति के प्रभाव से सारे विश्व में एक अपूर्व सुख-शांति छा जाएगी व मनुष्यों में संयम, सदाचार, त्याग, नीति, मानवता, सहिष्णुता आदि गुणों को जीवन में उतारने की होड़ जग जाएगी। भारतवर्ष का महापुरुष अपने अपूर्व प्रेम व महानता से सारे विश्व को परम सुखदायी स्वरूप में परिवर्तित कर देगा।

अगले पन्ने पर प्रोफेसर हरार और पीटर हरकौस की भविष्यवाणी...


प्रोफेसर हरार का जन्म इसराइल के एक यहूदी परिवार में हुआ था। अपनी अचूक व शत-प्रतिशत भविष्यवाणियों के लिए वे विश्वविख्यात हैं। उनका कहना है कि किसी दिव्य पुरुष का जन्म भारतवर्ष में हुआ है और वह 1970 तक आध्यात्मिक क्रांति की जड़ें बिना किसी लोकयश के भीतर ही भीतर जमाता रहेगा और उसके बाद उसका प्रभुत्व सारे एशिया और विश्व में हो जाएगा तथा उसके कथन को सुनने और मानने को बाध्य होगा।

इस शताब्दी के महानतम भविष्य वक्ता पीटर हरकौस ने अपनी भविष्यवाणी में लिखा है कि ‘भारत में आध्यात्मिकता तथा धार्मिकता की जो लहर उठेगी, वह सारे विश्व में छा जाएगी।’

अगले पन्ने पर फ्रांस के भविष्य वक्ता डॉ. जूलबर्न...
फ्रांस के भविष्य वक्ता डॉ. जूलबर्न के अनुसार भारतवर्ष में किसी एक ऐसे रहस्यमयी व्यक्ति का जन्म हो चुका होगा, जो आज तक के इतिहास का सबसे अधिक समर्थ व्यक्ति सिद्ध होगा। उसके बनाए विधान सारे संसार में लागू होंगे। यह व्यक्ति सन् 1962 से पूर्व ही जन्म ले चुका होगा। उस व्यक्ति को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी रहा होना चाहिए।

उसके अनुयायियों की बड़ी संख्या भी है। उसके अनुयायी एक समर्थ संस्था के रूप में प्रकट होंगे और देखते ही देखते सारे विश्व में अपना प्रभाव जमा लेंगे और असंभव दिखने वाले परिवर्तनों को आत्मशक्ति के माध्यम से सरलता व सफलतापूर्वक संपन्न करेंगे। इस परिवर्तन को कोई रोक नहीं सकेगा।

हॉलैंड के भविष्य वक्ता गेलार्ड क्राइसे की भविष्यवाणी...
गेलार्ड क्राइसे ने कहा है कि मैं देख रहा हूं कि पूर्व के अतिप्राचीन देश भारत, जहां साधु और संतों की पूजा होती है, वहां के लोग सीधे, सच्चे और ईमानदार होते हैं, उस देश से एक प्रकाश उठता आ रहा है। वहां किसी ऐसे महापुरुष का जन्म हुआ है, जो सारे विश्व की कल्याण की योजनाएं बनाएगा।

तमाम संसार के लोग उधर देखेंगे और उनकी बात मानेंगे। सब राजनीतिक नेता एक मंच पर इकट्ठे होने के लिए विवश होंगे। इन सब बातों का प्रमाण इसी शताब्दी के अंत तक मिलने लगेगा और फिर सारा संसार एक सूत्र में बंधता चला जाएगा।

अगले पन्ने पर स्वामी शिवानन्द की भविष्यवाणी...


स्वामी शिवानन्द के अनुसार- आज विश्व में जो भी घटनाएं घटित हो रही हैं वह शास्त्रानुार पहले से ही सुनिश्चित है। भविष्य पुराण में भगवान वेद व्यास जी ने स्वयं भविष्यवाणी की है कि 4,900 शताब्दि कलियुग बीतने के पश्चात् भारत में बौद्धों का राज्य होगा, तदन्तर आद्य शंकराचार्य जी का प्रादुर्भाव के साथ ही वैदिक धर्म का प्रचार-प्रसार होगा और मनुस्मृति के आधार पर राजा राज्य करेंगें। पुनः 300 वर्षो तक भवनों तथा 200 वर्ष तक ईसाईयों का राज्य रहेगा। उसके बाद मौन (मत पत्रों) का राज्य रहेगा, जो 11 टोपी (राष्ट्रपति) तक चलेगा।

यह क्रम लगभग 50 वर्ष तक चलेगा। इसके बाद से किसी भी पार्टी को बहुमत प्राप्त नहीं हो सकेगा। मंहगाई-भ्रष्टाचार बढ़ेगें। माता-पिता, साधु-सन्त, ब्राह्मण-विद्वान अपमानित होगें, तब भयानक युद्ध होगा। भारत पुनः अपने अस्तित्व में आकर विश्व गुरु पद पर स्थापित होगा। भारत में शास्त्रानुसार पुनः राज्य परम्परा की स्थापना होगी।-(राष्ट्रीय सहारा समाचार पत्र, वाराणसी, 8 सितम्बर, 1998)

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महाबली एक शासक होगा, धर्म मुकुट सिर पर धारेगा ।
धरा से देगा पाप हटाय, ये जय गुरुदेव की बानी ।।

संत बाबा जय गुरुदेव ने कहा है कि भारतवर्ष में महान आत्मा का जन्म हो चुका है। ...भविष्य में भारत का राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री शाकाहारी-सदाचारी होगा। ...आगे खरे लोगों का समय आएगा। संसार में एक नई लहर फैलेगी। ईमानदार, धार्मिक व सच्चे लोगों को महत्व दिया जाने लगेगा। नीच व कुटिल लोगों के बुरे दिन आएंगे। हिन्दू धर्म में एक फकीर पैदा होगा, जो देश व दुनिया को बदल देगा।

अंतरदृष्टि संपन्न श्रीमती आयरिन ह्यूजेज- ‘ईश्वरीय चेतना का जन्म भारत में हो चुका है। वह भारत को शांति का संदेश देगा।'

अगले पन्ने पर हस्तरेखा विशेषज्ञ प्रोफेसर कीरो की भविष्यवाणी...


इंग्लैंड के प्रसिद्ध भविष्य वक्ता प्रो. कीरो को कौन नहीं जानता। उनसे ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने पूछा था कि भारत की आजादी का ऐसा कोई दिन बताइए जिस समय हम भारत को आजाद करें और वह समय भारत के लिए बुरा सिद्ध हो।

प्रोफेसर कीरो ने रानी के अनुरोध के चलते अर्धरात्रि का वक्त बताया। लेकिन साथ ही कहा कि भारत को संसार की कोई ताकत रोक नहीं सकती। विशुद्ध धर्मावलंबी नीति का एक शक्तिशाली व्यक्ति सारे देश को जगा देगा। उसकी आध्यात्मिक शक्ति दुनियाभर की तमाम भौतिक शक्तियों से अधिक समर्थ होगी। जिसका असर सारे संसार में पड़े बिना नहीं रह सकता। भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा।

इसके कुछ दिन बाद कीरो अध्ययन कर रहे थे तो उन्हें पता चला कि भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। वो फिर महारानी एलिजाबेथ के पास गए और कहा कि आजादी के 50 वर्षों के अंदर अगर कोई महापुरुष भारत में खड़ा हो गया तो भारत को कभी कोई गुलाम बना ही नहीं सकेगा और अगर 50 सालों में कोई महापुरुष खड़ा न हुआ और भारत को किसी ने गुलाम बना लिया तो फिर इसे कोई आजाद करा ही नहीं सकेगा।

कीरो ने सन् 1925 में लिखी अपनी पुस्तक में भविष्यवाणी की है कि 20वीं सदी अर्थात् सन् 2000 ई. के उत्तरार्द्ध में सन् 1950 के पश्चात् उत्पन्न सन्त ही विश्व में 'एक नई सभ्यता' लाएगा जो सम्पूर्ण विश्व में फैल जाएगी। भारत का वह एक व्यक्ति सारे संसार में ज्ञानक्रान्ति ला देगा।

कीरो ने अपनी भविष्यवाणी में लिखते हैं, ‘भारत का सूर्य बलवान है एवं कुंभ राशि में है इसलिए भारत की प्रगति को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। यहीं पर एक चेतना पुरुष का जन्म होगा जिसकी आध्यात्मिक क्षमता, समस्त विश्व की भौतिक क्षमता से कई गुना ज्यादा होगी। वह गुरु-शिष्य परम्परा का पालन करेगा। उसके अनुयायी हर धर्म, जाति व सम्प्रदाय के होंगे।’

सवाल उठता है कि आखिर कौन है वह महापुरुष जिसके विचारों से सभी सहमत हैं और जो अपने धर्म व राजनीति के जबरदस्त विचारों के द्वारा जाना जाता हो?

अगले पन्ने पर...भविष्य वक्ता ऑर्थर चाल्‍​र्स क्लार्क के अनुसार..


भविष्य वक्ता ऑर्थर चाल्‍​र्स क्लार्क लिखते हैं, ‘जिस प्रकार इस समय संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय अमेरिका में है। उसी प्रकार संयुक्त ग्रह राज्य संघ का मुख्यालय मंगल ग्रह या गुरु पर हो सकता है। सन् 1981 तक भारत अपने आप में शक्तिशाली हो जाएगा तथा वहां से एक ऐसी जबरदस्त विचार क्रांति उठेगी, जो पूरे विश्व को प्रभावित करेगी। भारत का धर्म और अध्यात्म पूरा विश्व स्वीकार करेगा।'

अमेरिका के भविष्य वक्ता चाल्‍​र्स क्लार्क के अनुसार- 20वीं सदी के अन्त से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा परन्तु भारत की प्रतिष्ठा विषेशकर इसके धर्म और दर्शन से होगी, जिसे पूरा विश्व अपना लेगा। यह धार्मिक क्रान्ति 21वीं सदी के प्रथम दशक में सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करेगी और मानव को आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।

साभार -

1. विश्व की आश्चर्यजनक भविष्यवाणियां : लेखक नरेन्द्र शर्मा, प्रकाशक- पवन पॉकेट बुक्स, दिल्ली।
2. अमर भविष्यवाणियां : लेखक- डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली, प्रकाशक- मयूर पेपर बैक्स, नई दिल्ली।
2- नास्त्रेदमस की सम्पूर्ण भविष्यवाणियां, लेखक- अशोक कुमार शर्मा, प्रकाशक-डायमंड पाकेट बुक्स, नई दिल्ली।