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Written By DW
Last Modified: बुधवार, 23 जुलाई 2014 (12:59 IST)

गुनगुनाएं और गले को आराम दें

गुनगुनाएं और गले को आराम दें -
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कुछ लोगों का काम ऐसा होता है जिसमें उन्हें बहुत बोलने की जरूरत होती है जैसे टीचर की नौकरी, कॉल सेंटर या फिर सेल्स में काम। डॉक्टरों की मानें तो ऐसे लोगों को गुनगुनाते रहना चाहिए। इससे गले को राहत पहुंचती है।

इस तरह के काम गले को थका देते हैं। गला भारी हो जाता है और कई बार तकलीफदेह भी। अगर काम शुरू करने से पहले वे थोड़ी देर गुनगुनाएं, तो कर्कशता कम होगी साथ ही गले को राहत भी मिलेगी।

ईएनटी और शिशु श्रव्य रोग विशेषज्ञों के जर्मन संघ डीजीपीपी के अध्यक्ष राएनर शोएनवाइलर मानते हैं कि गुनगुनाने से गले में ठहराव और आवाज में गहरापन आता है। इसकी वजह से गले की मांसपेशियों पर जोर कम पड़ता है। जबकि दिन भर ऊंचे पिच पर बोलते रहने से गले पर बहुत जोर पड़ता है। अपने पेशे में दिन भर बोलते रहने वाले लोग अक्सर गला सूखने की भी शिकायत करते हैं।

क्या पिएं, क्या नहीं : जर्मन जानकार कहते हैं इसका उपाय है कुछ न कुछ पीते रहना और गले को गीला रखना है। हालांकि वे सलाह देते हैं, 'पीने के लिए कॉफी या चाय की जगह पानी को चुनें।' चाय और कॉफी जैसे ड्रिंक गले की अंदरूनी चिकनी झिल्ली को सुखा देते हैं।

शोएनवाइलर के मुताबिक कार्बोनेटेड पानी से भी बचना चाहिए। इससे डकार आने की संभावना रहती है जो बोलते समय काम में बाधा डाल सकती है। उन्होंने बताया कि सिर्फ ज्यादा बोलना ही गले के सूखने की वजह नहीं, उसके और भी कई कारण हो सकते हैं। किसी काम के न होने से बेचैनी या गुस्सा आना इसके अन्य कारण हो सकते हैं।

- एसएफ/एजेए (डीपीए)