सावन का नौवां मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा?
Mangala gauri vrat 2023: वर्ष 2023 में सावन का आठवां मंगला गौरी व्रत जहां 22 अगस्त को रखा गया था, वहीं सावन मास का अंतिम यानी नौवां मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त, दिन मंगलवार को यानी आज रखा जा रहा है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष अधिक मास होने के कारण जहां 8 श्रावण सोमवार मनाए गए, वहीं 9 मंगला गौरी व्रत मनाए जा रहे हैं। और आज सावन का अंतिम मंगला गौरी व्रत है, 30-31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ ही माह का समापन भी हो जाएगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती को समर्पित यह पर्व मंगलवार को पड़ने के कारण ही इसे मंगला गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है। यह व्रत करने से पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती आकर घर से गृह-क्लेश दूर होकर सुख-समृद्धि एवं धन-धान्य की वृद्धि होती है।
मंगला गौरी व्रत से जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है तथा जीवन में खुशहाली आती है, अखंड सुहाग का वरदान मिलता है। तथा विवाह योग्य जातकों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस दिन मंत्र- उमामहेश्वराभ्यां नम: तथा ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा का जाप करने से जीवन में कई फायदे मिलते हैं। देवी
मंगला आदिशक्ति गौरी का ही मंगल स्वरूप है यानी इस स्वरूप में गौरी माता अपने भक्तों का मंगल ही मंगल करती हैं। माता गौरी का यह मंगलकारी स्वरूप सिंदूरी आभा लिए हुए तथा इसका संबंध मंगल ग्रह और महिलाओं के अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति तथा संतान की रक्षा से है। देवी मंगला गौरी सुहाग और गृहस्थ सुख की देवी मानी जाती हैं।
इस दिन बंधुजनों को मिठाई खिलाने से मंगल शुभ फल देने लगते हैं तथा इस दिन व्रतधारी को एक समय ही शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हुए व्रत करना चाहिए। इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है। मान्यतानुसार परिवार की खुशी के लिए यह व्रत लगातार पांच वर्षों तक किया जाता है। मंगला गौरी व्रत वैवाहिक सुख में बढ़ोतरी करके अखंड सुहाग तथा पुत्र प्राप्ति और सुखपूर्वक जीवन देता है, ऐसी इस व्रत की महिमा है।
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