शनिवार, 27 अप्रैल 2024
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Written By WD

चलो माँ के दर्शन करें

देवी गीत...

चलो माँ के दर्शन करें -
- प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव 'विदग्ध'

ND
आया नवरात्रि का त्योहार, चलो माँ के दर्शन करें
अंबे माँ का लगा है दरबार, चलो माँ के दर्शन करें

माता के दरसन हैं पावन सुहावन
नैनों से झरता है करुणा का सावन

भक्तों की माँ ही आधार, चलो माँ के दर्शन करें
माता के मंदिर की शोभा निराली

उड़ती ध्वजा लाल मन हरने वाली
खुला सबके लिए माँ का द्वार, चलो माँ के दर्शन करें

मंदिर में जलती सुहानी वो जोती
जो मन के सब मैल किरणों से धोती

माता सुनती हैं सबकी पुकार चलो माँ के दर्शन करें
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2. हम द्वार तुम्हारे आए हैं

माँ दर्शन की अभिलाषा ले हम द्वार तुम्हारे आए हैं
एक झलक ज्यो‍ति की पाने सपने ये नैन सजाए हैं

पूजा की रीति विधानों का माता है हमको ज्ञान नहीं
पाने को तुम्हारी कृपादृष्टि के सिवा दूसरा ध्यान नहीं

फल चंदन माला धूप-दीप से पूजन थाल सजाएँ हैं
दरबार तुम्हारे आए हैं, माँ द्वार तुम्हारे आए हैं

जीवन जंजालों में उलझा, मन द्विविधा में अकुलाता है
भटका है भूल-भुलैया में निर्णय नहीं कर पाता है

माँ आँचल की छाया दो हमको, हम माया में भरमाए हैं
दरबार तुम्हारे आए हैं, हम द्वार तुम्हारे आए हैं

जिनका न सहारा कोई माँ, उनका तुम एक सहारा हो
दुखिया मन का दु:ख दूर करो, सुखमय संसार हमारा हो

आशीष दो माँ उन भक्तों को जो, तुम से आश लगाए हैं
दरबार तुम्हारे आए हैं, सब द्वार तुम्हारे आए हैं।