शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
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Written By WD

स्वतंत्र भार‍त की वर्ष कुंडली

पंद्रह अगस्त विशेष

स्वतंत्र भार‍त की वर्ष कुंडली -
आने वाला वर्ष विरोध, संघर्ष, दुर्घटना से भरा होगा।

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भारत को आजाद हुए 60 वर्ष बीत चुके हैं। स्वतंत्र भारत की वर्ष लग्न वृषभ व स्वतंत्रता की लग्न भी वृषभ है। वर्तमान भारत की स्थिति व आने वाला कल कैसा होगा, आइए ग्रहों की स्थितिनुसार जानते हैं।

स्वतंत्र वर्ष लग्न में सप्तमेश व द्वादशेश मंगल शत्रु राशि में होकर बैठा है। मंगल की सप्तम भाव पर दृष्टि पड़ने से महिलाओं के मामलों में महत्वपूर्ण फैसले हो सकते हैं, जैसे महिला आरक्षण बिल पास हो सकता है। लेकिन भारत के लिए कुछ ठीक नहीं रहेगा। शनि भाग्येश व कर्केश होकर चतुर्थ भाव में सूर्य की सिंह राशि पर है व अस्त भी है, जो मंगल को दशम पूर्ण दृष्टि से देख रहा है।

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इस कारण भारत में विरोध का सामना करना पड़ेगा। कहीं-कहीं आंदोलन, संघर्ष, दुर्घटना या भूकम्प जैसी स्थिति आ सकती है। शनि-मंगल का दृष्टि संबंध कुछ ठीक नहीं रहता, यह मेरा अनुभव है। गुरु अष्टमेश आयु भाव व एकादश भाव आय का स्वामी होकर मंगल की मित्र राशि वृश्चिक में होकर मंगल को देखने से विशेष क्षति वाली बात नहीं रहेगी। जन-धन की हानि के अवसर कम ही रहेंगे।

इस समय सिंह राशि का उदय हो रहा है, जिसका स्वामी सूर्य तृतीय भाव में पंचमेश व धनेश बुध के साथ है, जो दोनों ही अनुकूल हैं। नई-नई टेक्नोलॉजी में भारत आगे बढ़ेगा। शत्रुओं पर प्रभाव बढ़ेगा। आतंकवाद पर काबू पाने में भारत सक्षम होगा।

जनता के मामलों में देखा जाए तो कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं होगा। जनता ठगी-सी नजर आएगी। स्थानीय राजनीति में भी काफी उलटफेर की संभावना होगी। चतुर्थ भाव में जो जनता स्थानीय राजनीति का कारक है, वहाँ पर शनि अस्त होकर शत्रु राशि में है, वहीं लग्नेश शुक्र अस्त होकर नीचाभिलाषी के साथ मन के कारक चंद्रमा से केतु की युति भी कुछ ठीक नहीं कही जा सकती।

केंद्रीय सरकार के मामलों में देखा जाए तो वहाँ भी कुछ-न-कुछ गड़बड़ी रहेगी। लेकिन शनि अपने घर को देखने के कारण कोई भारी उलटफर वाली बात नहीं रहेगी। गुरु की तृतीय भाव पर नवम उच्च दृष्टि के कारण पड़ोसी राज्य व अन्य मैत्री वाले राष्ट्रों से उत्तम संबंध बनेंगे। आर्थिक मामलों में देश मजबूत रहेगा।