क्या कहता है यीशु जन्म का संदेश
ऐसी मान्यता है कि यीशु के जन्म के अवसर पर स्वर्गदूतों ने 'सर्वोच्च गगन में परमेश्वर को महिमा और पृथ्वी पर उसके कृपापात्रों को शांति' यह संदेश कुछ चरवाहों को दिया था।
गत हजारों वर्ष से ख्रीस्त जयंती की मंगलमय बेला में करोड़ों कंठों से इस संदेश की प्रतिध्वनि गूंजती आ रही है। इस संदेश की सुंदरता इसमें है कि यीशु के जन्म के साथ उदित होने वाली नई विश्वव्यवस्था की झलक इसमें निहित है।
पृथ्वी पर मानवों के शांतिपूर्ण जीवन में ईश्वर की स्वर्गीय महिमा प्रतिबिंबित है। मनुष्य में ईश्वर महिमान्वित होता है। यीशु ईश्वर और मनुष्य के बीच की सजीव कड़ी है। सच्ची शांति अच्छे मन का अनुभव है। ऐसी शांति तभी संभव है जबकि हृदय भय और मृत्यु से, दर्द और पीड़ा से मुक्त हो। लेकिन हम एक भ्रष्ट और दमनकारी संसार में जीते हैं जहां भय राज करता है और शांति की जड़ कमजोर है। यह अस्वाभाविक भी नहीं है क्योंकि यहां सच्चे दिलवालों की संख्या निराशाजनक रूप से कम है।