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Last Modified: गुरुवार, 15 जून 2017 (19:34 IST)

सिंधिया बोले, ॠण माफ करने में क्‍यों कतरा रही सरकार?

सिंधिया बोले, ॠण माफ करने में क्‍यों कतरा रही सरकार? - Jyotiraditya Scindia, Kisan movement
भोपाल। यहां बुधवार से सत्याग्रह पर बैठे कांग्रेस सांसद एवं मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जब भाजपा शासित उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों का ऋण वहां की सरकारों ने माफ कर दिया है, तो मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार किसानों का ऋण माफ करने से क्यों कतरा रही है? 
 
किसान आंदोलन के समर्थन एवं भाजपानीत मध्यप्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार शाम 3 बजे से भोपाल के टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में सत्याग्रह पर बैठे सिंधिया ने कहा कि जब भाजपानीत उत्तरप्रदेश एवं महाराष्ट्र की सरकारों ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया है, तो तब उसी पार्टी की सरकार मध्यप्रदेश में कर्ज माफी से क्यों कतरा रही है? 
 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कई वादे किए हैं और मोदी ने यह नारा भी दिया है- 'अबकी बार किसानों की सरकार।'
 
सिंधिया ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए एक के बाद एक वादे किए। अब केंद्र सरकार कह रही है कि राज्य सरकारों को किसानों की ऋणमाफी करनी है तो उन्हें खुद ही अपने-अपने राज्यों के बजट से इस ऋणमाफी के लिए पैसे का इंतजाम करना होगा। केंद्र सरकार इसके लिए एक धेला नहीं देगी।
 
उन्होंने कहा कि देश में प्रतिवर्ष सैकड़ों किसान कर्ज से परेशान होकर एवं अपनी उपजों का वाजिब दाम न मिलने के कारण आत्महत्याएं कर रहे हैं, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार किसानों की कर्जमाफी न करने के लिए अड़ी हुई है। लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक सिंधिया ने मध्यप्रदेश सरकार पर मंदसौर में किसानों की हत्या करने का आरोप भी लगाया।
 
उन्होंने कहा कि मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में किसानों की हत्या करने के 10 दिन बाद भी प्रदेश सरकार ने इसके लिए जिम्मेदार किसी भी दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। सरकार यह बताने में असफल रही कि किसानों पर गोलीबारी करने के आदेश किसने दिए व कुछ नहीं कह सकते हैं, क्योंकि किसानों को राज्य सरकार के आदेश पर गोली चलाकर मारा गया है। 
 
सिंधिया ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजन को 1-1 करोड़ रुपए मुआवजा, मृतक किसान के एक परिजन को सरकारी नौकरी एवं अन्य मदद कर उन्हें शांत कराने की कोशिश कर रह हैं।
 
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से 8 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से जो प्याज खरीदा जा रहा है, उसमें भी कुप्रबंध है। सिंधिया के सत्याग्रह का गुरुवार को दूसरा दिन है। जिस मंच पर सिंधिया सत्याग्रह के लिए बैठे हैं, उस मंच पर महात्मा गांधी की तस्वीर के अलावा किसान आंदोलन के दौरान 6 जून को मंदसौर जिले में मारे गए 6 किसानों की फोटो भी रखी गई हैं।
 
गौरतलब है कि 6 जून को किसान आंदोलन के उग्र होने के दौरान मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में पुलिस फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई थी। इसके अलावा मंदसौर जिले के बड़वन गांव में 26 वर्षीय एक और किसान की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों ने 9 जून को आरोप लगाया कि उसे पुलिस ने बुरी तरह से पीटा था जिससे उसकी मौत हुई है।
 
मध्यप्रदेश के किसान अपनी उपज के वाजिब दाम सहित 20 मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक आंदोलन पर थे और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश में हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ एवं लूटपाट की कई घटनाएं कीं।
 
प्रदेश में हुई इस हिंसा से आहत होकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में शांति बहाली के लिए 10 जून को भोपाल स्थित भेल दशहरा मैदान पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे, लेकिन करीब 28 घंटे बाद अगले ही दिन उन्होंने अपना अनशन यह कहकर तोड़ दिया था कि अब प्रदेश में शांति बहाली हो गई है। (भाषा)
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