सोमवार, 28 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Jallikattu event in Tamil Nadu
Written By
Last Modified: सोमवार, 23 जनवरी 2017 (07:15 IST)

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आयोजन, तीन लोगों की मौत

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आयोजन, तीन लोगों की मौत - Jallikattu event in Tamil Nadu
चेन्नई/मदुरै। तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में रविवार को सांड़ों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया। इस दौरान पुडुकोट्टई में दो लोगों की खेल में भाग लेते हुए और मदुरै में एक व्यक्ति की विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए।
अध्यादेश लाए जाने के बाद भी छह दिन से इस मुद्दे पर चल रहा प्रदर्शन खत्म नहीं हो सका। मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम मदुरै के आलंगनल्लूर में जल्लीकट्टू के खेल कार्यक्रम का उद्घाटन किए बगैर ही लौट गए क्योंकि प्रदर्शनकारी इस मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग कर रहे थे।
 
जय हिंदपुरम के 48 वर्षीय प्रदर्शनकारी चंद्रमोहन ने भी मदुरै में दम तोड़ दिया। शरीर में पानी की कमी के कारण उनकी मृत्यु हुई। उनकी मृत्यु उस वक्त हुई जब वह छात्रों और युवाओं के साथ प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे।
 
उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित यह परंपरागत खेल कल अध्यादेश लागू किए जाने के बाद पुडुकोट्टई जिले के रपूसल सहित राज्य के कई हिस्सों में इस खेल का आयोजन किया गया। पुलिस ने कहा कि रपूसल में जल्लीकट्टू के दौरान एक सांड़ द्वारा जख्मी किए जाने से दो लोग मारे गए जबकि 28 जख्मी हो गए।
 
बहरहाल, मदुरै के आलंगनल्लूर में प्रदर्शनकारियों ने खेल आयोजित कराने से इनकार कर दिया और खेल हर साल आयोजित कराने के लिए 'स्थायी समाधान' की अपनी मांग पर डटे रहे। पनीरसेल्वम ने कल कहा था कि वह सुबह 10 बजे आलंगनल्लूर में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, उन्हें अपने होटल में वापस जाना पड़ा। यह जगह जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए प्रसिद्ध है। बाद में मुख्यमंत्री द्वारा डिंडिगुल के नाथम कोविलपट्टी जाकर जल्लीकट्टू का उद्घाटन करने की संभावना थी। बहरहाल, वहां भी प्रदर्शन हुए और स्थायी समाधान की मांग की गई।
 
तमिलनाडु की कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। मरीना बीच पर पिछले छह दिन से प्रदर्शन चल रहा था और आज भी प्रदर्शन जारी रहा। वह 'पेटा' नाम के पशु अधिकार संगठन पर पाबंदी लगाने के साथ-साथ इस मुद्द के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। 
 
चेन्नई रवाना होने से पहले मदुरै में पत्रकारों से बातचीत में पनीरसेल्वम ने कहा, 'जल्लीकट्टू पर पाबंदी पूरी तरह हटा दी गई है। स्थानीय लोगों द्वारा तय की जाने वाली तारीख पर आलंगनल्लूर में खेल का आयोजन होगा।' उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु के हर हिस्से में आयोजित किया गया और स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा इसके लिए सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं।
 
प्रदर्शनकारियों ने जहां आयोजन के स्थायी समाधान की मांग की और नारे लगाते हुए कहा कि अध्यादेश केवल अस्थायी उपाय है, वहीं पनीरसेल्वम ने कहा, 'राज्य सरकार का जल्लीकट्टू अध्यादेश का रास्ता स्थायी, सशक्त और टिकाउ है और इसे आगामी विधानसभा सत्र में कानून बनाया जाएगा।' उन्होंने कहा कि अध्यादेश लागू होने के बाद कोई प्रतिबंध नहीं है।
 
आलंगनल्लूर में जल्लीकट्टू का उद्घाटन करने की घोषणा करने वाले पनीरसेल्वम को प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते मदुरै के एक होटल में रहना पड़ा। इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने राज्य में जल्लीकट्टू की अनुमति वाले अपने अध्यादेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिए जाने की संभावना को देखते हुए एक कैविएट दाखिल की है।
 
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रदर्शनकारियों से बातचीत करें और इस बात पर जोर देना बंद करें कि अध्यादेश लागू करने से स्थाई समाधान निकल जाएगा।
 
इस बीच, दक्षिण रेलवे ने बताया कि अंतरराज्यीय और राज्य के अंदर चलने वाली कई ट्रेनों को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से निरस्त कर दिया गया। करीब तीन दिन से ऐसी ही स्थिति है। तंजौर से खबर है कि यहां करीब 500 युवकों ने एक ट्रेन को रोका।
 
इस बीच रामनाथपुरम से खबर आई है कि सेवूर और इरवेली में 'मंजूविरत्तू' (एक तरह का जल्लीकट्टू) का आयोजन किया गया और लोगों ने बड़ी संख्या में इसमें भाग लिया। वहां प्रतिभागियों ने अध्यादेश का स्वागत करते हुए विश्वास जताया कि वे हर साल इसका आयोजन कर सकेंगे। (भाषा)
ये भी पढ़ें
पासवान ने आरक्षण टिप्पणी को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा