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रमज़ान माह में यह ज़रूर पढ़ें...

रमज़ान माह में यह ज़रूर पढ़ें... - ramadan special
* इस्लाम धर्म के इन विशेष मंत्रों से करें रमजान में दुआ, होगी कुबूल... 
 
रोजे की निय्यत
 
बि सोमि गदिन नवैतु मिन शहरि रमजान
 
बिस्मिल्लाहिर्रहमाननिर्रहीम
 
मां-बाप के लिए दुआ
 
हदीस शरीफ में है कि जिसके वाल्देन या इन दोनों में से एक गुजर जाए और वो शख्स अपनी जहालत से उनकी नाफरमानी करता रहा हो तो अब उसे चाहिए कि इनके लिए हमेशा दुआएं मगफिरत करता रहे और उनके लिए इस्तगफार करता रहे, तो उस शख्स का नाम फरमाबरदारों में शुमार हो जाएगा। जो शख्स नीचे दी गई दुआ पढ़े और इसके बाद ये दुआ करे कि या अल्लाह इसका सवाब मेरे वाल्देन को पहुंचा दे तो उसको अल्लाह की जात से उम्मीद रखनी चाहिए कि उसने अपने वाल्देन का हक अदा कर दिया। 
 
 
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दुआ
 
अलहम्दो लिल्लाहि रब्बिल आलेमीन। रब्बिस समावति व रब्बिल अर्दे रब्बिल आलमीना वलाहुल किबरियाओ फिस्ससमावाति वल अर्दे व हुवल अजीजुल हकीम लिल्लाहिल हम्दो रब्बिस समावाति वल अर्दे व हुवा रब्बिल आलमीना वलाहुल अजमतो फिस्समावाति अर्देव हुवल अजीजुल हकीमो।
 
साथ में 3 बार कुलहुवल्लाह शरीफ, 3 बार अलहम्दो शरीफ और 3 बार दुरुद शरीफ शामिल करें।
 
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रमजान मुबारक 
 
जिस शख्स को कोई जिस्मानी दुख, दर्द या और कोई तकलीफ हो वह अपना दाहिना हाथ तकलीफ की जगह रखे और 3 मर्तबा बिस्मिल्लाह पढ़े और 7 मर्तबा यह दुआ पढ़े। 
 
अअजु बिल्लाहि व कुदरतिही म‍िन शर्रे मा अजिदु व ओहजिरू 0
 
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अदाए कर्ज की दुआ :
 
अल्लाहुम्मक फिनी बि हलालि क अन हरामि क व अगनेनी बि फदलि क अम्मन सिवा क 0
 
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रंजो गम दूर करने की दुआ : 
 
ला इलाह इल्लल्लाहुल हलीमुल करीमु सुब्हानल्लाहि व तबा रक्ल्लाहु रब्बुल अर्शिल अजीमि वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन 0
 
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रिज्क की ज्यादती के लिए
 
ला इला ह इल्लल्लाहुल मलिकुल हक्कुल मुबीन 0 
 
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दुआएं कुनूत
 
अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनुका व नस तग फिरुका वनु मिनु ‍बिका वना तवक्कलु अलैका व नुसनी अलैकल खैर 0 व नश कुरुका वला नल फुरुका व नख लउ व नत रुकु मंय्यफ जुरुका अल्लाहुम्मा इय्याका नुअबुदु व लका नुसल्ली व नस्जुदु व इलैका नस्आ व नहफिदु व नरजू रह म तका व नख्‍शा अजा बका इन्ना अजा बका बिल कुफ्फारि मुलहिक 0
 
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तस्बीह तरावीह
 
सुब्हानल मलिकिल कुद्दुस 0 सुब्हाना जिल मुल्कि वल मलकूत 0 सुब्हाना जिल इज्जति वल अज‍मति वल हय बति वल कुदरति वल किब्रियाई वल जबरुत 0 सुब्हानल मलिकिल हय्यिल लजी ला यनामु वला यमूत सुब्बहुन कुद्दुसुन रबुन्ना व रब्बुल मलाइ कति वर्रुह 0 अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर
 
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शबे बारात व शबे कद्र में पढ़ें
 
अल्लाहुम- म इन न- क अफुव्वुन तुहिब्बुल अफ- व- फअफु अन्नी- या गफूर 0 
 
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सफर की दुआ 
 
अलहम्दु लिल्लाहिल लजी सख् ख-र लना हाजा व मा कुन्ना लहु मुकरिनीन व इन्ना इला रब्बिना ल मुन कलिबून 0
 
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जब घर से निकलें
 
बिस्मिल्लाह‍ि तवक्कलतु अलल्लाह 0 
 
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जब मस्जिद में दाखिल हों
 
अल्लाहुम्मफ तह ली अबवा-ब रहमति-क 0
 
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जब खाने से फारिग हों
 
अलहम्दु लिल्लाहिल लजी अत अ-म-ना व सकाना व-ज-अ-ल-ना मिनल मुस्लेमीन 0
 
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जब किसी के घर खाएं तो यह भी कहें
 
अल्लाहुम-म अतइम मन अत-अ-म-नी- वस्के मन सकानी 0
 
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जब कोई लिबास पहनें
 
अलहम्दु लिल्लाहिल लजी कसानी मा उवारि-य-बहि अव-रती व अ-त जम्मलु बिहि फी हयाति 0
 
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जब आईना देखें
 
अल्लाहुम-म हस्सन-त खलकी फ-हस्सिन खुलुकी 0
 
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जब बय तुल खला जाना हो
 
अल्लाहुम-म इन्नी अऊजू बि-क मिनल खुब्से वल खबाइस 0
 
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जब बय तुल खला से निकल आएं
 
अलहम्दु लिल्लाहिल लजी अज ह-ब-अन्निल अजा व आफानी 0
 
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जब कब्रस्तान जाएं 
 
अस्सलामु अलयकुम या अहलल कुबूर 0 यगफिरुल्लाहु लना व-ल-कुम व अन्तुम सलफुना व नहनु बिल अस्त्र 0
 
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जब चांद देखें
 
अल्लाहुम-म अहिललहु बिल युमनि वल इमानि वस सलामति वल इस्लामि वत तवफीकि लिमा तुह‍िब्बू व तरदा रब्बी व रब्बु कल्लाह 0
 
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इफ्तार की दुआ
 
अल्लाहुम्मा लका सुम्तु व बिका आमन्तु व अलैका तवक्कलतु व अला रिज्किका अफरतु

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