शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2024
  2. लोकसभा चुनाव 2024
  3. भारत के प्रधानमंत्री
  4. Indra Kumar Gujral Profile
Written By

इन्द्र कुमार गुजराल : राजनीति के भद्र पुरुष

Indra Kumar Gujral Profile। इन्द्र कुमार गुजराल : राजनीति के भद्र पुरुष - Indra Kumar Gujral Profile
इन्द्र कुमार गुजराल को राजनीति का भद्र पुरुष कहा जाता था। वे गुजराल नारी निकेतन न्यास एवं जालंधर के एएन गुजराल मेमोरियल स्कूल के अध्यक्ष, भारत-पाक मैत्री संस्था के अध्यक्ष, दिल्ली कला थिएटर के संस्थापक एवं अध्यक्ष, लोक कल्याण समिति के उपाध्यक्ष, 1960 में दिल्ली के रोटरी क्लब के अध्यक्ष, 1961 में एशियाई रोटरी सम्मेलन के उपाध्यक्ष रहे।
 
प्रारंभिक जीवन : इन्द्र कुमार का जन्म 4 दिसंबर 1919 को झेलम में हुआ था, जो उस समय पंजाब प्रांत का अविभाजित हिस्सा था। इनके पिता का नाम अवतार नारायण गुजराल तथा माता का नाम पुष्पा गुजराल था। इनका विवाह 26 मई 1946 को शीला देवी के साथ हुआ था। इनके पिता अवतार नारायण गुजराल ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लिया था और गुजराल स्वयं 12 वर्ष की उम्र में ही स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने लगे थे।
 
राजनीतिक जीवन : प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजराल कांग्रेस की ओर से 1 जून 1996 में विदेश मंत्री थे और उन्होंने जल संसाधन मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार 28 जून 1996 को संभाला। 1989-90 में वे जल संसाधन मंत्री थे। 1976 से 1980 तक यूएसएसआर में भारत के राजदूत रहे। जून 1996 से वे राज्यसभा के नेता रहे। अप्रैल 1993 से 1996 तक संसद की वाणिज्य और टेक्सटाइल की स्थायी समिति के अध्यक्ष, अप्रैल 1996 तक विदेश मामलों की स्थायी समिति के सदस्य, 1964 से 1976 और 1989 से 1991 तक संसद के सदस्य, 1992 में बिहार राज्यसभा के सदस्य, याचिका समिति, लोक लेखा समिति, राज्यसभा की नियम संबंधी समिति, राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समिति, राज्य सभा की सामांय प्रयोजन समिति के सदस्य रहे।
 
1997 में प्रधानमंत्री बने : गुजराल 21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे। गुजराल प्रधानमंत्री के रूप में अधिक सक्रिय रहे। इनके प्रधानमंत्री काल के दौरान इन्होंने पाकिस्तान से संबंध सुधारने के कूटनीतिक प्रयास किए। भारत का वित्तीय संकट दूर किया। आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक योजनाएं बनाईं। ये अधिक समय तक प्रधानमंत्री नहीं रहे। लेकिन इनके प्रयास ईमानदाराना थे।
 
विशेष : वे पत्रकार होने के साथ ही एक अच्छे वक्ता भी रहे हैं। वे 'राजनीति के भद्रपुरुष' के नाम से ख्यात रहे हैं। गुजराल राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों तथा थिएटर पर लेखन कार्य और समीक्षा करते थे। पत्रकार के रूप में भी उन्होंने काफी ख्याति अर्जित की थी।
ये भी पढ़ें
लाल बहादुर शास्त्री : छोटे कद के महान राजनेता