गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. पेरिस ओलंपिक 2024
  4. Prakash Padukone admonishes Indian Shuttlers after poor outing in Paris
Written By WD Sports Desk
Last Updated : मंगलवार, 6 अगस्त 2024 (12:59 IST)

लक्ष्य चूकने के बाद कोच प्रकाश पादुकोण का गुस्सा फूटा, वीडियो हुआ वायरल

अब समय आ गया है कि खिलाड़ी जवाबदेह बनें : प्रकाश पादुकोण

Lakshya
पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक के प्ले ऑफ में लक्ष्य सेन के दबाव में आने से स्तब्ध पूर्व दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने सोमवार को कहा कि अब समय आ गया है कि खिलाड़ी दबाव का सामना करना सीखें, जवाबदेह बनें और समर्थन मिलने के बाद परिणाम देना शुरू करें।

पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन पादुकोण ने कहा कि भारत को अपने खिलाड़ियों को मानसिक प्रशिक्षण देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि वे दबाव की स्थितियों का सामना करना सीख सकें।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चीन की तरह एक प्रणाली होनी चाहिए जहां वे एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं हों और खिलाड़ियों को तैयार करने में सफल हों।

पादुकोण ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सिर्फ एक खिलाड़ी से संतुष्ट नहीं रह सकते। हमें अगली पंक्ति पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, शायद तीसरी पंक्ति पर भी। जैसे क्रिकेट में करते हैं। आपके पास मुख्य टीम है, फिर ‘ए’ टीम, फिर अंडर-19 टीम, अंडर-17 टीम। इसलिए हमें ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि बहुत प्रतिभा है लेकिन एक संयुक्त प्रयास की ज़रूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें खिलाड़ियों की ओर से भी थोड़ा प्रयास चाहिए। थोड़ी ज्यादा जिम्मेदारी, थोड़ी ज्यादा जवाबदेही। आपने जो मांगा एक बार जब आपको वह मिल जाता है तो आपको जवाबदेह भी होना चाहिए। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेना सीखना चाहिए।’’

लक्ष्य शुरुआती जीतने और दूसरे गेम में 8-3 की बढ़त बनाने के बावजूद 71 मिनट तक चले मुकाबले में मलेशिया के ली जी जिया से 21-13 16-21 11-21 से हार गए।

पादुकोण ने कहा कि अल्मोड़ा के 22 वर्षीय खिलाड़ी को मानसिक प्रशिक्षण और खेल में सुधार दोनों की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब वह हवा के साथ खेल रहा हो तो उसे थोड़ा काम करने की जरूरत है। हर किसी को कोई ना कोई समस्या होती है लेकिन मुझे लगता है कि उसे दूसरों की तुलना में ज्यादा समस्या है। अगर आपने पहला गेम देखा है तो मलेशियाई खिलाड़ी ने बहुत शॉट खेले जो बाहर गए। आप नियंत्रण नहीं कर पाए इसलिए ऐसा होता है लेकिन आपको नियंत्रण करना सीखना चाहिए और कम गलतियां करनी चाहिए।’’
पादुकोण ने कहा, ‘‘गलतियां होंगी, हर कोई हवा के खिलाफ खेलने में सहज है क्योंकि आप बिना किसी हिचकिचाहट के खुलकर खेल सकते हैं लेकिन लक्ष्य को शायद दोनों की जरूरत है। थोड़ी सी मानसिक ट्रेनिंग और मानसिक ट्रेनिंग पर ध्यान देने के साथ-साथ थोड़ा अभ्यास और थोड़ा बेहतर नियंत्रण, उसे कोर्ट पर भी काम करने की जरूरत है।’’

पादुकोण का मानना है कि दबाव लक्ष्य पर हावी हो गया।उन्होंने कहा, ‘‘एक बात बहुत स्पष्ट है, हमें मानसिक ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। हम खेल मनोविज्ञान पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं, जो बहुत महत्वपूर्ण है।’’

पादुकोण ने कहा, ‘‘ओलंपिक में यदि आपने देखा है कि बहुत से शीर्ष खिलाड़ी हार गए हैं तो ऐसा इसलिए नहीं कि वे तकनीकी या शारीरिक रूप से अच्छे नहीं थे बल्कि इसलिए कि वे दबाव को नहीं झेल पाए। ओलंपिक में दबाव को झेलना ही सब कुछ है, इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि हम अपने दिमाग पर अधिक ध्यान दें, ध्यान करें, योग करें।’’
Lakshya Sen
पादुकोण को लगता है कि निशानेबाज मनु भाकर शायद इसलिए अच्छा प्रदर्शन कर पाईं क्योंकि उन पर दबाव नहीं था।पादुकोण ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत विदेश से खेल मनोवैज्ञानिकों को लाए।

उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि हमारे पास विदेशी खेल मनोवैज्ञानिक भी हों। इसका मतलब यह नहीं है कि भारतीय खेल मनोवैज्ञानिकों से कुछ छीना जाए। उनमें से कुछ अच्छे हैं लेकिन मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि खिलाड़ियों को भी खेल मनोविज्ञान के महत्व का अहसास हो।’’

पादुकोण इस बात से सहमत नहीं थे कि भारतीय बैडमिंटन को टेनिस जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जहां एक बड़ा शून्य है और कोई भी लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा की जगह लेने की स्थिति में नहीं है।(भाषा)
ये भी पढ़ें
8-1 से आगे चल रही निशा को जानबूझकर किया गया था चोटिल, कोच का बड़ा आरोप