पेरिस में मीराबाई नहीं दोहरा पाईं टोक्यो का कमाल, चौथे स्थान पर रहीं
दूसरे ओलंपिक पदक से चूकीं मीराबाई, चौथे स्थान पर रही
तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू एक समय दूसरा ओलंपिक पदक जीतने के करीब पहुंच गई थी लेकिन अंतिम प्रयास में असफल होने के कारण वह बुधवार को यहां महिलाओं के 49 किलोग्राम वर्ग में चौथे स्थान पर रहते हुए पदक से चूक गईं।
मीराबाई ने स्नैच में 88 और क्लीन एवं जर्क में 111 से कुल 199 किग्रा का वजन उठाया। इससे वह महज एक किलोग्राम से पदक से चूक गईं।
मीराबाई ने बाद में पत्रकारों से कहा,मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं क्योंकि मुझे चोट से उबरने के बाद तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला था।
उन्होंने कहा,मैं अभ्यास में 85 किग्रा वजन उठा रही थी और मैंने इस प्रतियोगिता में भी ऐसा किया। मैं क्लीन एवं जर्क में भी अच्छे प्रदर्शन के प्रति आश्वस्त थी। सब कुछ अच्छा चल रहा था और कोच ने जो कुछ कहा मैंने उसका पालन किया। आज भाग्य मेरे साथ नहीं था जो मैं पदक नहीं जीत पाई लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार चीन की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन होउ झिहुई ने क्लीन एवं जर्क में ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने कुल 206 ( स्नैच 89, क्लीन एवं जर्क 117) किग्रा वजन उठाया।
रोमानिया की वालेंटिना कैम्बेई 206 (93 और 112) किग्रा से रजत और थाईलैंड की सुरोदचना खाम्बो 200 (88 और 112) किग्रा के वजन से कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं।
कूल्हे की चोट से उबरने के बाद वापसी कर रहीं मीराबाई ने स्नैच में पहले प्रयास में आसानी से 85 किग्रा वजन उठाया और दूसरे प्रयास में 88 किग्रा उठाने में विफल रहीं।
पर तीसरे प्रयास में उन्होंने 88 किग्रा का वजन उठाकर बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के स्नैच के प्रदर्शन की बराबरी की।
मीराबाई क्लीन एवं जर्क के पहले प्रयास में 111 का वजन उठाने में विफल रही। पर दूसरे प्रयास में वह सफल रहीं। पर तीसरे और अंतिम प्रयास में 114 किग्रा का वजन नहीं उठा सकीं।
(भाषा)