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Written By WD

सुनीता के लिए देश भर में पूजा-अर्चना

सुनीता के लिए देश भर में पूजा-अर्चना -
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता वि‍लियम्स की सकुशल वापसी के लिए देश भर में पूजा-अर्चना की जा रही है। करोड़ों देशवासियों की दुआ है कि सुनीता बिना किसी बाधा के गुरुवार को धरती पर कदम रखे।

जैसे-जैसे अटलांटिस शटल के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी अंतरिक्ष सेंटर पर उतरने का समय नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लोगों के दिलों की धड़कने तेज होती जा रही हैं।

कश्मीर से कन्या कुमारी तक और गुजरात से बंगाल तक लोगोनजरें आसमान में लगी हुई हैं। वाराणसी में पूजा, यज्ञ किए जा रहे हैं तो पटना में गंगा किनारे महिलाओं ने छठ पूजा करके सुनीता की वापसी के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

कई महिलाओं को न तो अंतरिक्ष के बारे में जानकारी थी और न ही अटलांटिस के बारे में लेकिन उन्हें बताया गया कि भारत मूल की एक लड़की बहुत बड़ा काम करके लौट रही है, तब उन्होंने इस बिटिया के लिए दुआ के लिए हाथ उठा दिए।

मुंबई में सुरों की मलिका लता मंगेशकर ने भी गणेश भगवान की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर सुनीता की सकुशल वापसी की कामना की।

चंडीगढ़ के लिए भी आज का दिन खास है। यहीं की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला 1 फरवरी 2003 में कोलंबिया शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण मारी गई थी। कल्पना ने अंतरिक्ष में 16 दिन बिताए थे। कल्पना यहाँ के जिस स्कूल में पढ़ती थी, वहाँ बच्चों ने आज सुनीता विलियम्स के लिए प्रार्थना की।

सुनीता का जन्म भले ही भारत में नहीं हुआ हो लेकिन उनकी रगों में दौड़ता खून तो भारतीय ही है। सुनीता के पुरखे गुजरात के झूलासण गाँव में रहते थे। पिछले कुछ दिनों से यहाँ हर किसी के लब पर सुनीता का ही नाम है और वे गुजराती भाषा में उसकी मंगल कामना करते थक नहीं रहे हैं।

गुरुवार की सुबह भारत में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई लेकिन दोपहर आते-आते सुनीता विलियम्स सुर्खियों में आ गई। हर कोई उन्हीं के बारे में बात करता नजर आया। मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारों में सुनीता के लिए मन्नत माँगी जा रही थी। अभी तक जो जानकारियाँ मिल रही हैं, उसके मुताबिक सुनीता ने जागने के बाद व्यायाम किया और नासा से उनकी बातचीत भी हुई।

सुनीता समेत 7 अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस ला रहा अटलांटिस शटल रात 11.25 पर फ्लोरिडा में उतरेगा। अटलांटिस भारतीय समयानुसार रात 10 बजे भारत के ऊपर से भी गुजरेगा लेकिन वह नजर नहीं आएगा। 10.10 बजे शटल अपना ईधन बाहर फेंकेगा।

कार्यक्रम के मुताबिक अटलांटिस गुरुवार की रात 10.20 बजे वायुमंडल में प्रवेश करेगा। इसके बाद अगले 16 मिनट तक अग्निपरीक्षा वाले होंगे, जिसमें शटल को आग के समंदर से गुजरना होगा।

अंतरिक्ष और पृथ्वी के बीच के यही कुछ मिनट अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सबसे मुसीबत भरे होते हैं क्योंकि यहाँ तापमान 2000 से 3000 फेरेनाइट होता है। इन 16 मिनटों में शटल का संपर्क नासा से भी टूट जाता है।