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Written By भाषा
Last Modified: चंडीगढ़ , गुरुवार, 25 मार्च 2010 (10:33 IST)

भारत की नजर द्विअंकीय वृद्धि दर पर

भारत की नजर द्विअंकीय वृद्धि दर पर -
अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई देने के साथ ही सरकार ने कहा था कि उसका लक्ष्य है जल्द ही द्विअंकीय आर्थिक वृद्धि हासिल करना है।

वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने यहाँ कहा अनुमान है कि 2009-10 की वृद्धि दर 7.2 फीसद रहेगी। निर्यात में भी सुधार हो रहा है और जनवरी 2010 में इसमें 11.5 फीसद वृद्धि हुई थी।

उन्होंने कहा कि 2006-07 में देश की आर्थिक वृद्धि 9.7 फीसद रही थी, जो आर्थिक उदारीकरण के बाद के दौर की सबसे ऊँची वृद्धि दर थी। अभी दोहरे अंक तक पहुँचना संभव नहीं हुआ है, जबकि वैश्विक आर्थिक संकट ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया।

वित्त वर्ष 2007-08 में वृद्धि दर घटकर 9.1 फीसद हो गई, जबकि वैश्विक वित्तीय संकट के कारण 2008-09 में वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ गई और इसमें 6.7 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई।

मुखर्जी ने यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय के 59वें दीक्षांत समारोह के मौके पर कहा वैश्विक आर्थिक संकट से उबरने वाले देशों में भारत का अग्रणी स्थान रहा है और आज एक साल के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था काफी अच्छी स्थिति में है।

प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने आने वाले वर्षों में ढाँचागत क्षेत्र की परियोजनाओं को आर्थिक विकास का इंजिन बताया और इस क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत बताई। यह राशि वर्तमान 11वीं योजना के मुकाबले दोगुनी है।

मुखर्जी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को दो अंकों में पहुँचाने के लिए आर्थिक गतिविधियों में जो सुधार आया है, उसे और तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है। (भाषा)