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Last Updated :न्यूयॉर्क , शनिवार, 26 मई 2018 (15:44 IST)

छोटा हूं, छोटों के लिए बड़े काम की इच्छा रखता हूं : मोदी

छोटा हूं, छोटों के लिए बड़े काम की इच्छा रखता हूं : मोदी - Narendra Modi
न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने देश की विशाल आबादी की एक बड़ी बुनियादी समस्या ‘शौचालय’ के अभाव को दूर करने के लिए अपने दृष्टिकोण को अमेरिका में अनिवासी भारतीयों के बीच साझा करते हुए सोमवार को कहा कि मैं एक छोटा आदमी हूं और छोटे लोगों के लिए बड़े-बड़े काम करने की इच्छा रखता हूं।
 
मैनहटन के बीचोबीच स्थित इंडोर स्टेडियम मेडिसन स्क्वायर गार्डन में अपने स्वागत के लिए आयोजित कार्यक्रम में अनिवासी भारतीयों एवं भारतीय अमेरिकियों की विशाल भीड़ को हिन्दी में संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जब वे साफ-सफाई और शौचालय आदि बनाने की बात करते हैं तो लोगों को अजीब-सा लगता है और वे कहते हैं कि कोई बड़ा विजन बताओ।
 
उन्होंने कहा कि ऐसा कहने पर मैं कहता हूं कि भाई देखिए, 'छोटा इंसान हूं, सामान्य इंसान हूं। मेरा बचपन ही ऐसा बीता है। छोटा हूं इसीलिए मेरा मन भी छोटे-छोटे काम में लगता है और छोटे-छोटे लोगों के लिए काम करने का मन करता है, लेकिन छोटों के लिए बड़े-बड़े काम करने की इच्छा रखता हूं।'
 
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद शौचालय बनाने की बात करने पर लोग सवाल उठाते हैं कि क्या ये पीएम के काम हैं? लेकिन मैं नहीं जानता और मैंने तय किया है कि मैं टॉयलेट बनाने के काम करूंगा।
 
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को दो बातें प्रिय थीं। एक देश को आजादी दिलाना और देश को स्वच्छ बनाना। उन्होंने सवाल किया कि जब गांधीजी ने देश को आजादी दिला दी तो क्या हमारा यह दायित्व नहीं है कि हम भारत को गंदगी से मुक्त करें।
 
बीच-बीच में 'मोदी-मोदी' के नारे लगा रही उत्साही भीड़ से उन्होंने कहा कि आपने मुझे बहुत प्यार दिया है। शायद इतना प्यार हिन्दुस्तान के किसी नेता को नहीं मिला। मैं इसका कर्ज चुकाऊंगा। आपके सपनों का भारत बनाकर मैं यह कर्ज चुकाऊंगा।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने दावे के साथ कहा कि भारत तेज गति से आगे बढ़ेगा और 21वीं सदी के विश्व का नेतृत्व करेगा। मैनहटन के बीचोबीच स्थित मेडिसन स्क्वायर में आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय मूल के करीब 20 हजार लोग मौजूद थे। 
 
मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी जीत के साथ उन पर एक बड़ी जिम्मेदारी आई है जिसे वे पूरा करेंगे। उन्होंने भारत की अनुकूल परिस्थितियां गिनाते हुए कहा कि उसकी 3 ताकतें हैं- लोकतंत्र, जनसांख्यिकीय लाभांश जिसमें उसकी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है तथा भारत की मांग, क्योंकि वह एक बड़ा बाजार है।
 
मोदी ने कहा कि मेरा प्रयास विकास को एक जन आंदोलन बनाने का है। मुझे विश्वास है कि हम सफल होंगे। निराशा का कोई कारण नहीं है। देश बहुत तेज गति से आगे बढ़ने वाला है।
 
उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि नई सरकार से काफी उम्मीदें हैं। यह सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में शत-प्रतिशत सफल रहेगी। उन्होंने कहा कि मेरा सपना यह है कि 2022 तक प्रत्येक भारतीय परिवार के पास अपना एक घर हो। 
 
युवा पीढ़ी को स्पष्ट रूप से ध्यान में रखते हुए मोदी ने कहा कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे आपको नीचा देखने की नौबत आए। पीला कुर्ता और केसरिया नेहरू जैकेट पहने मोदी ने खचाखच भरे इस इंडोर स्टेडियम में लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास विकास को जन आंदोलन बनाना है।
 
'भारतमाता की जय' घोष के साथ शुरू हुए और सवा घंटे के अपने संबोधन में मोदी ने लोगों को नवरात्र की शुभकामनाएं दीं। मोदी ने सुशासन का वादा करते हुए कहा कि 30 साल के अंतराल के बाद भारत को केंद्र में स्पष्ट बहुमत वाली सरकार मिली है।
 
उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी नतीजों के अनुमानों पर तंज कसते हुए कहा कि कोई भी राजनीतिक पंडित या जनमत को प्रभावित करने वाले इस प्रकार के जनादेश को भांप नहीं पाए। मोदी ने कहा कि चुनाव जीतना सिर्फ पद ग्रहण करना नहीं है, किसी कुर्सी पर बिराजने का कार्य नहीं है, चुनाव जीतना एक जिम्मेदारी होती है।
 
उन्होंने कहा कि जब से मैंने काम (प्रधानमंत्री का पद)  संभाला है, मैंने 15 मिनट की भी छुट्टी नहीं ली है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आप लोगों ने 2014 में मतदान नहीं किया हो लेकिन मुझे विश्वास है कि जब परिणाम आ रहे थे, आप सोए नहीं और आप सभी ने खुशी मनाई।
 
उन्होंने तेज गति से विकास का वादा करते हुए कहा कि निराश होने का कोई कारण नहीं है। भारत बहुत तेज गति से विकास करेगा और हमारे युवाओं का कौशल भारत को आगे ले जाएगा। 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व में नर्सों एवं अध्यापकों की बढ़ती मांग का उल्लेख किया और कहा कि 21वीं शताब्दी भारत की होगी। 2020 तक केवल भारत ही विश्व को वर्क फोर्स (मानव बल) मुहैया कराने की स्थिति में होगा।
 
उन्होंने कहा कि हम बहुत प्राचीन संस्कृति वाले एक युवा देश हैं। उन्होंने याद दिलाया कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन को एक ऐसे जन आंदोलन में तब्दील कर दिया था कि उस समय प्रत्येक भारतीय अपने को देश की स्वतंत्रता के लिए जारी संघर्ष से जुड़ा महसूस कर रहा था।
 
उन्होंने कहा कि भारत अब सपेरों का देश नहीं रह गया है। हमारे पूर्वज सांप से खेलते थे लेकिन आज हमारे लोग (कम्प्यूटर के) माउस से खेलते हैं। हमारे नौजवान माउस घुमाते हैं और सारी दुनिया को डुलाते हैं।
 
उन्होंने कहा कि आज भारत इस विश्व का सबसे युवा देश है। आज 65 प्रतिशत हमारी जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। ऐसे देश को और किसी सं‍पत्ति की क्या जरूरत है जिसकी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है।
 
मोदी ने कहा कि उस देश को पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है जिसके युवा देश का भविष्य बनाने को प्रतिबद्ध है। यह देश युवाओं के सहयोग से प्रगति करेगा।
 
मोदी ने गंगा नदी को स्वच्छ बनाने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना पर कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि आपने गंगा को स्वच्छ बनाने जैसा मुश्किल काम हाथ में क्यों लिया? लेकिन मैं उनसे कहता हूं कि भारत के लोगों ने मुझे आसान काम करने के लिए नहीं चुना है।
 
उन्होंने भारत के सफल 'मंगल अभियान' का उल्लेख करते हुए कहा कि अहमदाबाद में एक ऑटो में सफर करने का खर्च 10 रुपए प्रति किलोमीटर है, लेकिन मंगल अभियान में इस लाल ग्रह तक का 65 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करने में मात्र 7 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च आया।
 
उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान वे नए-नए कानून लाने का श्रेय ले रहे थे जबकि मुझे खुशी होगी यदि हम प्रतिदिन एक पुराने पड़ चुके कानून को खत्म करें।
 
उन्होंने विकास की प्रक्रिया में लोगों को शामिल करने पर जोर देते हुए कहा कि मेरा विचार है कि केवल सरकार विकास नहीं कर सकती। अधिकतम सरकारें योजनाएं शुरू कर सकती हैं। 
 
मोदी ने कहा कि विकास तब होता है, जब जनता की भागीदारी होती है। पूर्ववर्ती सरकारों ने विकास का भार केवल अपने ऊपर लिया। हमने सभी को शामिल करने का रास्ता अपनाया।
 
मेडिसन स्क्वायर में आयोजित इस कार्यक्रम में पूरे अमेरिका और कनाडा के 5 प्रांतों से भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों ने हिस्सा लिया। अमेरिका में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री के लिए आयोजित अब तक का सबसे बड़ा स्वागत कार्यक्रम था। इस तथ्य को मोदी ने स्वयं भी स्वीकार किया।
 
मोदी ने कहा कि किसी भी भारतीय नेता को इससे पहले ऐसा स्वागत नहीं मिला। इसके लिए मैं आपका आभारी हूं। मैं इस ऋण को चुकाऊंगा। मैं आपके भारत के सपने को पूरा करूंगा। मोदी के इस कार्यक्रम में कांग्रेस सदस्यों के साथ ही सीनेटर भी शामिल हुए।
 
इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह में गायिका कविता कृष्णमूर्ति और उनके वायलिन वादक पति एल. सुब्रमण्यम ने भी कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
 
जब ये दोनों कलाकार मंच पर कार्यक्रम दे रहे थे, उसी दौरान एक कलाकार ने मंच पर मोदी का बड़ा-सा चित्र बनाया। भारतीय मूल के अमेरिकी की ओर से मोदी के भव्य स्वागत में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत गुजराती गरबा नृत्य से हुई।
 
भारतीय मूल के न्यूज एंकर हरि श्रीनिवासन और मिस अमेरिका नीना दावुलुरी ने इस कार्यक्रम का संचालन किया। इस दौरान प्रमुख भारतीय मूल के अमेरिकियों का फोटोग्राफिक कोलॉज प्रदर्शित किया गया। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, स्वामी विवेकानंद और सत्यजीत राय के भी चित्र दिखाए गए।
 
मोदी के इस भाषण का टाइम्स स्क्वायर पर सीधा प्रसारण किया गया। इसके साथ ही मोदी के भाषण को लोगों ने विश्वविद्यालय से लेकर छोटे शहरों के सामुदायिक केंद्रों में देखा। भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों के लिए मोदी के संबोधन का न केवल सीधा प्रसारण किया गया बल्कि साथ-साथ अंग्रेजी में अनुवाद भी चलाया गया। (भाषा)