शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. World bank progremm
Written By वर्तिका नंदा

सृजन की रक्षा के बिना सृजनकर्ता की पूजा अपूर्ण-स्वामी चिदानंद

सृजन की रक्षा के बिना सृजनकर्ता की पूजा अपूर्ण-स्वामी चिदानंद - World bank progremm
संयुक्त राष्ट्र संघ की 70 वर्षगांठ के दौरान, पोप फ्रांसिस के संबोधन की पूर्व संध्या पर परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलांयस के सहसंस्थापक पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व बैंक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित किया जिसकी सह मेजबानी धर्म-आधारित सगंठन के साथ ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस ने की थी।
 
'चरम गरीबी को दूर करने हेतु नैतिक दायित्व तथा निर्वहन युक्त विकास लक्ष्य को स्वीकार करना।' नामक शीर्षक के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम के द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व बैंक के उच्च स्तरीय वरिष्ठ प्रतिनिधियों अन्य बहु-शाखी संगठनों के पदाधिकारियों तथा धर्म आधारित संगठनों के प्रमुखों के अतिरिक्त निम्न लोग भी सम्मिलित हुए।
संयुक्त राष्ट्र संघ के नीति संयोजक एवं इंटर-एजेंसी मामलों के सहायक महासचिव टामस गैस, विश्व बैंक समूह के विशेष राजप्रतिनिधि शाखा के अध्यक्ष एवं कारपोरेट सचिव, महमूद मोहेलदीन, संयुक्त राष्ट्र संघ के सहायक महासचिव एवं यूएनएआईडीएस के उपकार्यकारी निदेशक, लुइस लोरेस, संयुक्त राष्ट्र संघ में आयरलैंड के स्थायी मिशन के दूत डेविड डानाग्ह्मु, विश्व धर्म संसद के कार्यकारी निदेशक डैन हासटेटलर, संयुक्त राष्ट्र संघ जनसंख्या कोश के वरिष्ठ सलाहकार एवं धर्म व विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र इंटर एजेंसी कार्यकारी बल के संयोजक डॉ. आजा करम, विश्व बैंक समूह के धार्मिक पहल के नेता एडम टेलर, 'विश्व मुस्लिम रिलीफ' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद आशमवे, वर्ल्ड विजन के अध्यक्ष केविन जेनकिन्स, चर्च वर्ल्ड सर्विस के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जान मिक कालफ, अमेरिकन ज्युईश वर्ल्ड सर्विस के अध्यक्ष रूथ मेसिंजर, क्रिश्चन एड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोरेटा मिंगैला, कायसिड, सऊदी अरेबिया के डॉ. मोहम्मद अबू निमर, वर्ल्ड काउंसिल ऑफ चर्चेज के अंतरराष्ट्रीय मामलों के कमीशन एवलिन पार्कर, कैरिट्‌स, इंटरनेशनलिस्ट के महासचिव माइकेल राय, ग्लोबल इंटरफेश वाश एलायंस के सह संस्थापक स्वामी चिदानंद सरस्वती, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, रिलीजन्स फॉर पीस इंटरनेशनल के महासचिव विलियम वेंडले एवं यूनाइटेड रिलीजन्स इनीशिएटिव की मोनिका विलर्ड।
 
संयुक्त राष्ट्र संघ के चर्च सेंटर पर प्रातःकाल सबसे पहले सभी नेता निजी-सत्र के लिए, तत्पश्चात दोपहर में, 'मिलेनियम विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने व निर्वहन युक्त विकास लक्ष्यों' की प्राप्ति हेतु पुनः प्रतिबद्धता प्रकट करने में धर्म आधारित संगठनों की भूमिका पर परिचर्चा करने के लिए एक साथ एकत्रित हुए।
 
वर्ष 2015 के वसंत ऋतु में विश्व बैंक ने वरिष्ठ धार्मिक प्रतिनिधियों को एक मंच पर बुलाया जिसमें स्वामी चिदानंद सरस्वती हिन्दू प्रतिनिधि के रूप में सम्मिलित हुए। इस मंच पर 'नैतिक दायित्व' नाम से उल्लिखित अभिलेख की रचना की गई  जिसमें नितांत गरीबी से निजात दिलाने में धार्मिक नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका व जिम्मेदारी की रूपरेखा बनाई गई। 
 
अप्रैल माह में विश्व बैंक की बंसत ऋतु वाले शुभारंभ सत्र की बैठक में विश्व बैंक के अध्यक्ष डॉ. जिम यांग किम के साथ स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अपने विचार व्यक्त किए। जुलाई माह में स्वामी चिदानन्द सरस्वती एवं ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती को विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम यांग किम के साथ 'धर्म एवं निर्वहन युक्त विकास' विषय पर आयोजित उच्च स्तरीय दो दिवसीय सम्मेलन हेतु विश्व बैंक में पुनः आमंत्रित किया गया।
  
अब संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में स्वामीजी एवं साध्वी भगवती सरस्वती ने संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक समूह, अन्य बहुउद्‌देश्यीय संगठनों एवं धर्म आधारित संगठनों के उच्च अधिकारियों की सभा को संबोधित किया। स्वामीजी ने कहा कि यहां पर, इस समय हम सब का एक साथ होना नवीन इतिहास के सूत्रपात का द्योतक है। अब ठीक इस समय उम्मीद की किरण हमारे हाथ में है। 2030 तक हम नितांत गरीबी से निजात पाने के लिए प्रतिबद्धता प्रकट करते हैं क्योंकि हमने स्वीकार कर लिया है कि विश्व एक परिवार है, हम सब के अंदर एक ही आत्मा का प्रवाह है, हमने समझ लिया है कि सृजन की रक्षा किए बिना सृजनकर्ता की पूजा पूर्ण नहीं हो सकती है।
 
साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि सभी बंधनों, सीमाओं, जातियों एवं धर्मों से ऊपर उठकर पिछले 15 वर्षों से हमने एक साथ मिलकर कार्य किया है ताकि सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। आपकी प्रतिबद्धता, समर्पण एवं संगठित प्रयत्नों के माध्यम से बहुत कुछ स्थापित किया जा चुका है। किंतु अभी भी बहुत कुछ करना शेष है। यह संतोष का समय नहीं बल्कि सार्थक कार्य करने का समय है, यह पुनः प्रतिबद्धता, वर्तमान के प्रति प्रतिबद्धता, अपने ग्रह के भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता तथा अपने उन सभी भाई-बहनों के प्रति प्रतिबद्धता है जो हमारे साथ इस ग्रह में बराबर हकदार हैं। 
 
स्वामीजी ने सभी नेताओं को संकल्प दिलाते हुए कहा कि हम मानवता के प्रति प्रेममय भावना से बंधे हुए हैं तथा मानवता की सेवा करना हमारी प्रतिबद्धता है। हम सब एक साथ मिलकर गरीबी का उन्मूलन करेंगे; हम सब मिलकर सुनिश्चित करेंगे कि हमारे वैश्विक परिवार को शुद्ध जल, स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की समुचित सुविधाएं उपलब्ध हों। हम एक आस्था बनाए रखेंगे तथा हम सभी धर्मों के लोग एक होंगे और एक साथ मिलकर हम सब दुनिया को बदल सकते हैं।
 
साध्वी भगवती सरस्वती को उद्‌घाटन सत्र का 'प्रार्थना प्राधिकारी' बनाया गया जिसमें गरीबी व असमानता के उन्मूलन के लिए विभिन्न धर्मों के प्रमुखों द्वारा प्रार्थना एवं आकांक्षाएं व्यक्त की गईं। उन्होंने सत्र का समापन यह कहते हुए किया कि बहनों एवं भाइयों, हमने मिलकर प्रार्थना की है, हमने मिलकर सपने देखे हैं। अब हमें मिलकर कार्य करना चाहिए। हमें कार्यों एवं प्रयत्नों के लिए अपने हृदय व हाथों को भी जोड़ लेना चाहिए ताकि इन सपनों को चरितार्थ किया जा सके तथा प्रार्थना की अभिव्यक्ति की जा सके।