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Last Modified: मंगलवार, 11 जून 2024 (13:08 IST)

कौन होगा लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर, किसका दावा है सबसे ज्यादा मजबूत?

कौन होगा लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर, किसका दावा है सबसे ज्यादा मजबूत? - who will be protem speaker in loksabha 2024
loksabha Protem speaker : मोदी सरकार के गठन के बाद 18 जून से नई संसद का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में सभी की नजरें इस बात पर लगी हुई है कि सदन का प्रोटेम स्पीकर कौन होगा? स्पीकर के चुनाव से पहले लोकसभा के सबसे वरिष्ठ संसद को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है।

प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है। प्रोटेम स्पीकर ही सभी नवनिर्वाचित सांसदों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाता है। ALSO READ: कौन हैं डी पुरंदेश्वरी जो बन सकती है लोकसभा स्पीकर, क्या है चंद्रबाबू नायडू से नाता?
 
इस बार इस पद की दौड़ में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और केरल की मवेलीकारा सीट से 7 बार के सांसद सुरेश कोडिकुन्नील सबसे आगे चल रहे हैं। संसद में वरिष्‍ठता के मामले वीरेंद्र कुमार खटीक उनसे आगे हैं लेकिन वे रविवार को मोदी सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं। मंडला से भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को भी प्रोटेम स्पीकर बनाया जा सकता है। वे भी 6ठी बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।
 
कैसे होती है प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति : संविधान के अनुच्छेद 180(1) में इस पद का उल्लेख किया गया है। चुनाव खत्म होने के बाद अस्थाई तौर पर सदन के संचालन के लिए राष्ट्रपति द्वारा प्रोटेम अध्‍यक्ष को नियुक्त किया जाता है। प्रोटेम स्पीकर लोकसभा के स्थाई अध्यक्ष की नियुक्ति तक इस पद पर बने रहते हैं। 
 
सबसे वरिष्‍ठ सदस्य को जिम्मेदारी : प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के लिए कोई संवैधानिक नियम नहीं बनाए गए हैं। हालांकि परंपरागत तौर पर सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को यह जिम्मेदारी दी जाती है। वरिष्ठता का अर्थ सदन की सदस्यता से होता है, न कि उम्र से। प्रोटेम स्पीकर को शपथ राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाता है। इस दौरान उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री उपस्थित रहते हैं। ALSO READ: क्यों महत्वपूर्ण है लोकसभा अध्यक्ष का पद?
 
2019 में डॉ. विरेंद्र कुमार खटीक ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में सांसदों को संसद में शपथ दिलाई थी। वे 7वीं बार मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।
 
वरिष्‍ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी भी 9 बार लोकसभा की सदस्य रही है। हालांकि इस बार उन्हें सुलतानपुर लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा। 
Edited by : Nrapendra Gupta 
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