मंगलवार, 24 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Triple Divorce
Written By
Last Updated : बुधवार, 23 अगस्त 2017 (01:10 IST)

रफ्ता-रफ्ता लोगों के चेहरे के भाव बदलते रहे

रफ्ता-रफ्ता लोगों के चेहरे के भाव बदलते रहे - Triple Divorce
नई दिल्ली। मुसलमानों में तलाक-ए-बिदअत (तीन तलाक की प्रथा) को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर शुरुआत में अदालत कक्ष में जहां भ्रम का माहौल रहा, वहीं रफ्ता-रफ्ता समय बीतने के साथ फैसला सुन रहे लोगों के चेहरों के रंग बदलते देखे गए।
 
पांच-सदस्यों की संविधान पीठ का नेतृत्व कर रहे मुख्य न्यायाधीश जेएस केहर ने सुबह साढ़े दस बजे जैसे ही कहा कि तीन तलाक को संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के तौर पर संरक्षण प्राप्त है और न्यायालय उसमें दखल नहीं दे सकता।
न्यायमूर्ति केहर अपना फैसला पढ़ते रहे और कक्ष में मौजूद एक वर्ग के चेहरे पर सुकून और दूसरे वर्ग के चेहरे पर मायूसी झलकने लगी। उस वक्त तक यह स्पष्ट नहीं था कि मुख्य न्यायाधीश अल्पमत का फैसला सुना रहे हैं। मीडिया के कुछ हिस्से में यह खबर आई कि न्यायालय ने तीन तलाक को सही ठहराया है और कानून बनाने के लिए छह माह का समय देकर गेंद विधायिका के पाले में डाल दिया है।
 
मुख्य न्यायाधीश के बाद न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की बारी आई और उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के फैसले से असहमति जताते हुए ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक और गैर-इस्लामिक करार दिया।
 
न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि वह और उनके साथ न्यायाधीश उदय उमेश ललित भी तलाक-ए-बिदअत को गैर-कानूनी मानते हैं और न्यायमूर्ति जोसेफ के आदेश से इत्तेफाक रखते हैं।
 
इसके बाद खुशी से झूमने की बारी उनकी थी जिनके चेहरे पर मुख्य न्यायाधीश के फैसले से मायूसी छा गई थी। दरअसल तीन न्यायाधीशों द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक ठहराए जाने के साथ ही बहुमत के फैसले के आधार पर तलाक-ए-बिदअत गैर-कानूनी हो चुका था।
 
लोग अदालत मे डटे थे और न्यायाधीशों के बीच हो रही आपसी बातचीत और घोषित फैसलों का मतलब निकाल रहे थे, तभी मुख्य न्यायाधीश ने घोषणा की कि इस मामले में न्यायाधीशों के भिन्न-भिन्न मंतव्यों को देखते हुए तीन:दो के बहुमत के फैसले के आधार पर तीन तलाक को निरस्त किया जाता है।
तब जाकर स्थिति स्पष्ट हुई कि न्यायमूर्ति केहर और न्यायमूर्ति नजीर का फैसला अल्पमत का था, इसलिए ट्रिपल तलाक पर छह माह की रोक का और कानून बनाने के लिए सरकार को निर्देश देने का कोई मतलब नहीं रह जाता। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
बड़ी खबर! डंपर से टकराई ट्रेन, 10 डिब्बे पटरी से उतरे...