सोमवार, 28 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Supreme Court convicts Sasikala in DA case
Written By
Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017 (12:40 IST)

सुप्रीम कोर्ट में शशिकला को बड़ा झटका, चार साल की सजा

सुप्रीम कोर्ट में शशिकला को बड़ा झटका, चार साल की सजा | Supreme Court convicts Sasikala in DA case
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपति रखने के मामले में अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला को मंगलवार को दोषी करार दिया। इसके साथ ही 19 साल पुराने मुकदमे में उन्हें बरी करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया। इस मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता भी आरोपी थीं।  इस फैसले से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रही शशिकला को जेल जाना होगा। वे अब 10 साल तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगी।
 
 
 
उच्चतम न्यायालय ने बेंगलुरू की निचली अदालत के फैसले को पूरी तरह सही करार देते हुए उसे बहाल किया। निचली अदालत ने शशिकला के दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरण और इलावारसी सहित सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था।
 
न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय वाली दो न्यायाधीशों की पीठ ने शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को बेंगलुरू स्थित निचली अदालत में समर्पण करने तथा चार वर्ष कारावास की सजा का बचा हुआ हिस्सा पूरा करने का निर्देश दिया। इस फैसले के बाद शशिकला अब विधायक नहीं बन सकती हैं और ऐसे में वह मुख्यमंत्री भी नहीं बन सकेंगी।
 
पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऑन रिकॉर्ड रखे गए दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर हम उच्च न्यायालय के फैसले और आदेश को दरकिनार करते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार देने वाले निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हैं। पीठ ने कहा, चूंकि जयललिता का निधन हो चुका है, इसलिए उनके खिलाफ कार्यवाही बंद की जाती है।

पीठ ने कहा, 'इतना ही नहीं, हम दोहराते हैं कि तथ्यों के आधार पर निचली अदालत में उनके खिलाफ तय आरोपों को फिर से बहाल किया जाता है।' उसने कहा, 'चूंकि निचली अदालत में उन सभी के खिलाफ तय आरोपों को फिर से बहाल कर दिया गया है, इसलिए सभी निचली अदालत में आत्मसमर्पण करेंगे और बाकी सजा पूरी करेंगे।'
 
निचली अदालत ने शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार वर्ष कारावास तथा 10-10 करोड़ रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। जयललिता को चार वर्ष कारावास और 100 करोड़ रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
 
एक अलग लेकिन इससे मिलते-जुलते फैसले में न्यायमूर्ति अमिताव रॉय ने कहा कि हमने समाज में भ्रष्टाचार की बढ़ती बुराई पर गंभीर चिंता जतायी है। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक सरकार सहित सभी पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद पिछले वर्ष सात जून को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
 
न्यायालय ने जयललिता, शशिकला और उनके रिश्तेदारों के संबंध में उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगन की मांग वाली कर्नाटक सरकार की याचिका पर 27 जुलाई, 2015 को नोटिस जारी किया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई, 2015 को आदेश दिया था कि विशेष अदालत द्वारा जयललिता को दोषी करार दिया जाना अपुष्ट है और कानून के तहत धारणीय नहीं है। इसके साथ ही तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनने का जयललिता का रास्ता साफ हो गया था।
 
विशेष अदालत ने 2014 में जयललिता को भ्रष्टाचार को दोषी करार देते हुए उन्हें चार साल कारावास और 100 करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
 
जयललिता और तीन अन्य लोगों पर आरोप था कि 1991 से 1996 में जयललिता के पहली बार मुख्यमंत्री बतौर कार्यकाल में ज्ञात स्रोतों से ज्यादा 66.65 करोड़ रुपए जमा किए गए।