• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. story of modi and her mother heeraben
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022 (12:17 IST)

तस्वीरों से जानिए पीएम मोदी और उनकी मां हीराबेन की कहानी

तस्वीरों से जानिए पीएम मोदी और उनकी मां हीराबेन की कहानी - story of modi and her mother heeraben
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार को तड़के यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 100 वर्ष की थीं। मोदी ने गांधीनगर पहुंचकर अपनी मां को अंतिम विदाई दी। उन्होंने मां के पार्थिव शरीर को कांधा दिया। वे शववाहन में श्मशान पहुंचे और मां को मुखाग्नि भी दी। तस्वीरों से जानिए पीएम मोदी और उनकी मां हीराबेन की कहानी
हीराबेन अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ गांधीनगर के बाहरी क्षेत्र रायसन इलाके में रहती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ष मां के जन्मदिन पर घर जाते थे और उनका आशीर्वाद लेते थे। चुनाव से पहले भी वे मां का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते। मोदी ने समय समय पर मां के साथ खाना खाते और उनका आशीर्वाद लेते हुए उनकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की।
नरेंद्र मोदी 2016 में अपने 67वें जन्मदिन पर जब मां से मिलने गए थे तो उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मां की ममता, मां का आर्शीवाद जीवन जीने की जड़ी-बूटी होता है। 5 अगस्त 2020 को हीराबेन अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम को बड़े ध्यान से देख रही थीं कि किस तरह उनका बेटा पूरे देश की आस्था को एक सूत्र में बांध रहा है। उन्होंने पूरा कार्यक्रम प्लास्टिक की कुर्सी पर ही बैठकर देखा। कई बार वे भावुक भी हुईं। जब भी मंदिर के दृश्य आए, वे एकटक हाथ जोड़े हुए बैठी रहीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीरा बा ने 11 मार्च 2021 को कोविड-19 रोधी टीका लगवाया। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर यह जानकारी साझा की और सभी से टीके के लिए पात्र लोगों के टीकाकरण में मदद करने की अपील की। चाहे लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा चुनाव हो या स्थानीय निकाय चुनाव, हीरा बेन वोट डालने जरूर जाती। 
मां के निधन के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम... मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।
 
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से। मां को अंतिम विदाई देने के बाद उनकी सीख पर अमल करते हुए वे कर्मपथ पर चल पड़े।