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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 21 अगस्त 2017 (08:00 IST)

चीन से निपटने की तैयारी, सीमावर्ती इलाकों की सड़कों का निर्माण कार्य तेज

चीन से निपटने की तैयारी, सीमावर्ती इलाकों की सड़कों का निर्माण कार्य तेज - Road construction works fast at china  border area
सांकेतिक चित्र
डोकलाम विवाद के चलते भारत ने चीन से निपटने के लिए सीमा पर तैयारी तेज कर दी है। रक्षा मंत्रालय ने भारत-चीन सीमा से सटी सड़कों के प्रोजेक्टों को तेजी से पूरा करने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) को अतिरिक्त प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां हस्तांतरित कर दी हैं।
 
हाल ही में चीन के साथ डोकलाम और लद्दाख में हुई भिड़ंत के बाद से भारत की चिंता बढ़ गई है। चीन लगातार धमकियां दे रहा है। ऐसे में भारत को चीन से मुकाबला करने के लिए तैयार होना चाहिए। इसके मद्देनजर सरकार ने सीमा से सटी सड़कों के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के लिए यह अहम कदम उठाया है।
 
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ओर से भारत-चीन सीमा सड़क प्रोजेक्ट में देरी को लेकर कड़ी आपत्ति जताने के बाद BRO को ज्यादा शक्तियां डिलिगेट की गई हैं। सीमा से सटे इलाकों पर सड़क निर्माण कार्य BRO ही करता है। भारत-चीन सीमा सड़क परियोजना के तहत सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 61 सड़कें बनाई जा रही हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,409 किमी है।
 
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को ज्यादा शक्तियां मिलने से चीन सीमा से सटी सड़कों का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो जाएगा। परियोजनाओं को मंजूरी मिलने से लेकर धन मुहैया कराने में पैदा होने वाली बाधाएं खत्म हो जाएंगी। इनके चलते सीमा क्षेत्र की सड़क परियोजना को पूरा करने में काफी देरी हो रही थी. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सरकार ने बीआराओ को अतिरिक्त प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां हस्तांतरित की हैं।
 
अब बीआरओ डायरेक्टर जनरल 100 करोड़ रुपए कीमत के निर्माण कार्य के लिए जरूरी स्वदेशी और आयातित मशीनरी और उपकरण खरीद सकेंगे। इससे पहले डायरेक्टर जनरल क 7.5 करोड़ रुपए कीमत के स्वदेशी उपकरण और तीन करोड़ रुपए के आयातित उपकरण ही खरीद सकते थे। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय ने उस पॉलिसी गाइडलाइंस को भी मंजूरी दे दी है, जिसके तहत प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के लिए बीआरओ बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों से हाथ मिला सकेगा।
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