मंगलवार, 12 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Reliance Foundation Drishti launches Braille newspaper in Marathi
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 17 मार्च 2023 (22:21 IST)

रिलायंस फाउंडेशन दृष्टि ने पूरे किए 20 वर्ष, मराठी में लॉन्च किया ब्रेल अखबार

रिलायंस फाउंडेशन दृष्टि ने पूरे किए 20 वर्ष, मराठी में लॉन्च किया ब्रेल अखबार - Reliance Foundation Drishti launches Braille newspaper in Marathi
मुंबई। रिलायंस फाउंडेशन दृष्टि (Reliance Foundation Drishti) एक समग्र दृष्टि देखभाल कार्यक्रम है। मराठी में ब्रेल समाचार पत्र के लॉन्च के साथ ही दृष्टि ने सेवा के 2 दशक पूरे कर लिए हैं। दृष्टि के तहत 20500 से अधिक मुफ्त कॉर्नियल ट्रांसप्लांट करवाए गए हैं और 1.75 लाख से अधिक लोगों की आंखों की देखभाल की गई है।

रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती नीता अंबानी ने कहा, हमें खुशी है कि रिलायंस फाउंडेशन दृष्टि ने 20 साल पूरे कर लिए हैं। दृष्टिबाधित लोगों के जीवन में रोशनी, खुशी और आत्मनिर्भरता लाने के सपने के साथ शुरू हुआ यह कार्यक्रम अब एक आंदोलन बन गया है।

आने वाले समय में दृष्टिबाधित समुदाय, सम्मान और स्वतंत्रता के साथ जीवन जी पाए, इसके लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे। हमें खुशी है कि इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए हम हिंदी के अलावा मराठी में भी ब्रेल दृष्टि समाचार पत्र लॉन्च कर रहे हैं।

2003 में शुरू किया गया रिलायंस फाउंडेशन दृष्टि, जागरूकता को बढ़ाने, आंखों की देखभाल करने और नेत्रहीनों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम कर रहा है। यह पूरे भारत में नेत्र जांच शिविर आयोजित करता है और नज़र दोष होने पर मरीजों को चश्मा देता है, मोतियाबिंद हटाने और कॉर्नियल ट्रांसप्लांट की सुविधाएं भी प्रदान करता है। कॉर्नियल ट्रांसप्लांट, नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, शंकर आई फाउंडेशन और अरविंद आई केयर के सहयोग से किए जाते हैं।

2012 में भारत का एकमात्र हिंदी पाक्षिक अंतरराष्ट्रीय ब्रेल अखबार लॉन्च किया गया था। इसे अब मराठी भाषा में भी लाया जा रहा है। नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड के सहयोग से निर्मित इस अखबार के मुख्य संपादक स्वागत थोराट हैं। दृष्टि अखबार खेल, व्यापार, शिक्षा, करंट अफेयर्स और मनोरंजन की दुनिया से समाचार और अपडेट को कवर करता है।

अखबार में खाने-पीने की रेसिपी और पाठकों की कविताएं और लेख भी शामिल किए जाते हैं। हर साल की शुरुआत में पेपर के पाठकों को एक ब्रेल टेबल कैलेंडर दिया जाता है। अखबार भारत सहित 16 देशों में 24000 लोगों तक पहुंचता है। अखबार का मराठी ब्रेल संस्करण आने से यह अब अधिक पाठकों तक पहुंचेगा।

नेत्रदान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए दृष्टि, रिलायंस कर्मचारियों के बच्चों और पोते-पोतियों के बीच वार्षिक निबंध लेखन और कला प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करती है। महाराष्ट्र के लातूर के 24 वर्षीय गंगाराम सदानंद, उन कई लोगों में से एक हैं, जिनकी आंखों की रोशनी रिलायंस फाउंडेशन दृष्टि की वजह से आ पाई थी।

गंगाराम दोनों आंखों में दृष्टि बाधा के साथ पैदा हुए थे और इसी वजह से उन्हें स्कूल भी छोड़ना पड़ा था। जब तक उन्होंने कॉर्नियल ट्रांसप्लांट नहीं करवाया था तब तक अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए वे अपनी मां पर निर्भर थे। वह अब स्पष्ट रूप से देख सकते हैं और ऑटो रिक्शा चलाकर अपनी जीविका चला रहे हैं।

दृष्टिबाधित लोगों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए रिलायंस फाउंडेशन दृष्टि, सनराइज कैंडल्स जैसे संगठनों के साथ मिलकर काम करती है। वह ऐसी संस्थाओं द्वारा बनाए गए सजावटी ‘दीए’ और ऐसे कई अन्य गिफ्ट आइटम्स खरीदती है।

रिलायंस फाउंडेशन के बारे में : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की परोपकारी शाखा रिलायंस फाउंडेशन का उद्देश्य नवीन और स्थाई समाधानों के माध्यम से भारत की विकास चुनौतियों का समाधान करने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाना है। संस्थापक और चेयरपर्सन श्रीमती नीता अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस फाउंडेशन सभी की भलाई और जीवन की उच्च गुणवत्ता के लिए लगातार काम कर रही है।

रिलायंस फाउंडेशन का पूरा ध्यान, रूरल ट्रांसफॉर्मेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्पोर्ट्स फॉर डेवलेपमेंट, आपदा प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, अरबन रिन्यूअल एवं आर्ट, संस्कृति एवं विरासत में देश की विकास चुनौतियों पर केंद्रित है। फाउंडेशन ने भारत भर के 54200 से अधिक गांवों और कई शहरों में 6 करोड़ 60 लाख से अधिक लोगों के जीवन को छुआ है।
ये भी पढ़ें
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट