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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 13 नवंबर 2019 (10:23 IST)

गठन से पहले ही विवादों में राममंदिर ट्रस्ट, कई संगठनों और संतों ने ठोंकी दावेदारी

गठन से पहले ही विवादों में राममंदिर ट्रस्ट, कई संगठनों और संतों ने ठोंकी दावेदारी - Ram Temple Trust construction in Ayodhya in Dispute
सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के बाद अयोध्या में अब राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की कवायद तेज हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केंद्र सरकार को तीन महीने में राममंदिर ट्रस्ट को बनाना है लेकिन खबरों के मुताबिक मोदी सरकार जल्द से जल्द राममंदिर ट्रस्ट को बनाकर मंदिर निर्माण का काम शुरु कर सकती है। खबरें यह भी हैं कि मोदी सरकार सोमनाथ ट्रस्ट की तरह राममंदिर ट्रस्ट का निर्माण कर सकती है। 
 
अब जब केंद्र सरकार राममंदिर ट्रस्ट की रुपरेखा बनाने में जुटी है तो ट्रस्ट में शामिल होने को लेकर कई दावेदारों ने अपना दावा ठोंक दिया है। राममंदिर आंदोलन से जुड़े विश्व हिंदू परिषद ने ट्रस्ट में शामिल होने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भी ट्रस्ट में शामिल करने की मांग कर दी है।

विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा के मुताबिक सालों से राममंदिर के निर्माण की तैयारियों का काम विश्व हिंदू परिषद की देखरेख में चल रहा तो इस लिहाज से संगठन को ट्रस्ट में जगह मिलने चाहिए। वहीं वह पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भी ट्रस्ट में शामिल करने क वकालत करते है।

गौरतलब है कि आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार के लिए बनाए गए ट्रस्ट में तत्कालीन गृहमंत्री वल्लभ भाई पटेल भी शामिल थे।  
राममंदिर ट्रस्ट में शामिल होने के लिए संतों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अपनी दावेदारी कर दी है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक निश्चित तौर पर राममंदिर ट्रस्ट में अखाड़ा परिषद को जगह मिलनी चाहिए।

इतना ही नहीं महंत नरेंद्र गिरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी राममंदिर ट्रस्ट में शामिल किए जाने की मांग की है। वह कहते है कि योगी आदित्यनाथ को सीएम होने के नाते नहीं बल्कि गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर की हैसियत से ट्रस्ट में शामिल किए जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राममंदिर आंदोलन में गोरखनाथ पीठ के महंत और सीएम योगी के गुरू अवैद्धनाथ महाराज का बहुत बड़ा योगदान रहा है। 
 
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए रामंदिर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व मिलना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं अयोध्या के काफी अहम माने जाने वाले दिगंबर अखाड़े ने भी राममंदिर ट्रस्ट के लिए अपनी दावेदारी कर दी है। 
 
इतना ही नहीं राममंदिर ट्रस्ट को नए तरीके से बनाने के औचित्य पर भी सवाल उठने लगे है। रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने नए ट्रस्ट के बनाने की जरुरत से ही इंकार कर दिया है। वह कहते हैंकि राममंदिर निर्माण के लिए रामजन्म भूमि न्यास को ही एक ट्रस्ट बनाया है तो फिर नए ट्रस्ट की जरुरत ही क्यों है। वह केंद्र सरकार से मांग कर रहे है कि रामजन्म भूमि न्यास को ही मंदिर निर्माण की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी जाए। राममंदिर ट्रस्ट के लिए आने वाले समय मे दावेदारों की संख्या में और बढ़ोत्तरी होगी और जैसे दावेदारों की संख्या बढ़ेगी वैसे –वैसे इसको लेकर विवाद भी और गर्म होगा। 
 
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