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Last Modified: शुक्रवार, 20 जनवरी 2023 (01:02 IST)

हमारी प्राथमिकता सिर्फ विकास, न कि वोट बैंक की राजनीति : प्रधानमंत्री मोदी

यादगिर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की प्राथमिकता केवल विकास है जबकि कर्नाटक में शासन कर चुके दूसरे दलों की 'वोट बैंक' की राजनीति के कारण दक्षिण के इस राज्य के कुछ क्षेत्र पिछड़ेपन के शिकार हो गए।

Narendra Modi
यहां के पास कोडेकल में सिंचाई, पेयजल और राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने के साथ ही प्रधानमंत्री ने ‘डबल इंजन’ सरकार होने के फायदे भी गिनाए और कहा कि इससे ‘दोगुना कल्याण और दोगुना विकास’ होता है। केंद्र के साथ-साथ राज्यों में भी भाजपा की सरकार बने, इसके लिए ‘डबल इंजन’ की सरकार भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है। कर्नाटक में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

सत्तारूढ़ भाजपा कर्नाटक में मई में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है और उसने कुल 224 में से कम से कम 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में प्रधानमंत्री का डबल इंजन सरकार पर जोर देने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने के बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश अगले 25 वर्षों के नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, यह 25 साल देश के प्रत्‍येक व्यक्ति के लिए अमृत काल है। प्रत्‍येक राज्य के लिए अमृत काल है। अमृत काल में हमें विकसित भारत का निर्माण करना है।

उन्होंने कहा, भारत विकसित तब हो सकता है जब देश का हर नागरिक, हर परिवार, हर राज्य इस अभियान से जुड़े। भारत विकसित तब हो सकता है, जब खेत में काम करने वाला किसान हो या फिर उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक, सभी का जीवन बेहतर हो।

आजादी के 75वें वर्ष से लेकर 100वें वर्ष तक के सफर को प्रधानमंत्री अक्सर अमृत काल कहकर पुकारते हैं। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर इसका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस कालखंड में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया था।

कर्नाटक में मोदी का इस महीने इस प्रकार का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वह राष्ट्रीय युवा महोत्सव के उद्घाटन के लिए हुब्बल्लि आए थे और उन्होंने इस दौरान एक रोड शो भी किया था। मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने यादगिर और उत्तरी कर्नाटक के आसपास के इलाकों को पिछड़ा घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था लेकिन उनकी सरकार ने यादगिर सहित देश के 100 से अधिक जिलों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम शुरू किया।

उन्होंने कहा, इस क्षेत्र के विकास में पिछड़ने का कारण यह है कि यहां की पिछली सरकारों ने पिछड़ेपन से छुटकारा दिलाने की सोची ही नहीं। इसके (विकास) प्रति प्रयास करना तो दूर की बात है। जब बिजली, सड़क और पानी के बुनियादी ढांचे में निवेश करने का समय था, तब सत्ता में रहने वाली पार्टियों ने वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी।

किसी पार्टी या सरकार का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हर परियोजना और कार्यक्रमों को एक चश्मे से देखा गया कि कैसे एक विशेष समुदाय के वोटों को सिर्फ एक मजबूत वोट बैंक में परिवर्तित किया जाए तथा इसका सबसे बड़ा नुकसान कर्नाटक और इस क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ा।

उन्होंने कहा, हमने इन जिलों में सुशासन पर बल दिया है। विकास के पैमाने पर काम शुरू किया है। जिन जिलों को पहले की सरकारों ने पिछड़ा घोषित किया, उन जिलों में हमने विकास की आकांक्षा को प्रोत्साहित किया। पूर्ववर्ती सरकारों की प्राथमिकता वोट बैंक की राजनीति थी लेकिन हमारी प्राथमिकता विकास है।

यादगिर 'कल्याण कर्नाटक' या हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। ये जिले हैदराबाद के निजाम के पूर्ववर्ती शासन के अधीन थे और इनकी गिनती राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में होती हैं। इन जिलों में बीदर, बेल्लारी, कलबुर्गी, कोप्पल, रायचूर और यादगिर शामिल हैं और इस क्षेत्र को पिछड़ेपन के कारण संविधान (अनुच्छेद 371 जे) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है।

प्रधानमंत्री मोदी ने की 'हक्कू पत्र' वितरण अभियान की शुरुआत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तरी कर्नाटक के पांच जिलों में घुमंतू लंबानी (बंजारा) जनजाति के 52000 से अधिक सदस्यों के लिए जमीन का मालिकाना हक देने वाले ‘हक्कू पत्र’ वितरण अभियान की शुरुआत की।

जिले के मालखेड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, यह बंजारा (लंबानी घुमंतू) समुदाय के लोगों के लिए एक बड़ा दिन है क्योंकि ‘हक्कू पत्र’ के माध्यम से 50000 से अधिक लोगों को उनके घर का हक मिला है। मोदी ने इस मौके पर पांच घुमंतू जोड़ों को पांच ‘हक्कू पत्र’ वितरित किए।

उन्होंने कहा कि यह ‘हक्कू पत्र’ कलबुर्गी, बीदर, यादगिर, रायचूर और विजयपुरा जिलों में टांडा (लंबानी समदुाय के रिहायशी स्थल) में रहने वाले हजारों लोगों के भविष्य को सुरक्षित करेगा। उन्होंने दावा किया कि 1993 में ‘टांडा’ को राजस्व गांव का दर्जा देने की सिफारिश की गई थी लेकिन सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दल ने लंबानी को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया और कभी भी इन पिछड़े परिवारों के जीवन स्तर में सुधार करने की कोशिश नहीं की।

मोदी ने कहा, टांडा में रहने वालों को अपने अधिकारों के लिए एक लंबा संघर्ष करना पड़ा और कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि लेकिन अब निराशाजनक माहौल बदल रहा है। मैं बंजारा माताओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका बेटा (मोदी) दिल्ली में बैठा है। कलबुर्गी, यादगिर, रायचूर, बीदर और विजयपुरा जिलों में लगभग 1,475 गैर-पंजीकृत बस्तियों को नए राजस्व गांवों के रूप में घोषित किया गया है।

जिन लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र जारी किए गए हैं उनमें से बड़ी संख्या में लोग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग और कमजोर समुदायों के हैं। इन लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र देना उनकी भूमि को सरकार से औपचारिक मान्यता प्रदान करने की दिशा में एक कदम है, जो उन्हें पेयजल, बिजली, सड़क आदि जैसी सरकारी सेवाएं प्राप्त करने के लिए पात्र बना देगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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