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Written By विकास सिंह
Last Modified: मंगलवार, 13 अगस्त 2019 (09:28 IST)

बंगाल में भगवान राम के बाद अब मां दुर्गा पर सियासी दंगल

बंगाल में भगवान राम के बाद अब मां दुर्गा पर सियासी दंगल - Political war on Maa Durga after Bhagwaan Ram in Bengal
लोकसभा चुनाव के समय पश्चिम बंगाल में भगवान राम को लेकर खूब सियासी बवाल मचा था। भाजपा ने सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति के लिए राज्य में जय श्री राम के नारे पर बैन लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तक ने इस मुद्दें को जोर शोर से सियासी मंचों पर उठाकर ममता बनर्जी को कठघरे में खड़ा किया था।

लोकसभा चुनाव के बाद अब उसी बंगाल में मां दुर्गा के नाम सियासी दंगल होता दिख रहा है। दरअसल बंगाल में बहुत ही धूमधाम से मानी जाने वाली दुर्गा पूजा के ठीक पहले इनकम टैक्स विभाग ने कई दुर्गा पूजा समितियों को नोटिस जारी कर उनसे हिसाब किताब मांगने के साथ टैक्स चुकाने को कहा है।
 
आयकर विभाग की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी निंदा करते हुए इसे सियासी मोड़ दे दिया है। ममता ने दुर्गा पूजा समितियों को नोटिस की आलोचना करते हुए कहा कि त्योहारों को टैक्स के दायरे से बाहर रखना चाहिए।  इस मुद्दें को लेकर आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दिन का धरना देने जा रही है जिसमें उन्होंने लोगों से शामिल होने की अपील की है।
 
मुख्यमंत्री ने इस पूरे मुद्दें पर ट्वीट करते हुए लिखा कि 'इनकम टैक्स विभाग ने दुर्गा पूजा आयोजन करने वाली कई समितियों को नोटिस जारी कर उन्हें टैक्स चुकाने को कहा है। हमें अपने सभी राष्ट्रीय त्यौहारों पर गर्व है। यह त्योहार सबके लिए है और हम नहीं चहाते कि किसी भी पूजा महोत्सव पर कर लगाना चाहिए, यह आयोजकों पर बोझ होगा।'
 
वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष आयकर विभाग की कार्रवाई को सहीं बातते हुए कहा कि पूजा समितियों को नोटिस जारी करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को क्यों असुविधा हो रही है?  वहीं भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि टीएमसी के नेता और मंत्री पूजा समितियों के जरिए काला धन को सफेद बनाने में जुटे हुए हैं, इसलिए वह अब इसका विरोध कर रहे हैं।
 
राम बनाम दुर्गा का सियासी दंगल - कोलकाता में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी यूनिवर्सिटी वर्धा के केंद्र प्रभारी और राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर सुनील कुमार सुमन कहते हैं कि यह तो साफ हैं कि बंगाल में आने वाले समय में राम बनाम दुर्गा को लेकर दिलचस्प सियासत देखने को मिलेगी।
 
वह कहते हैं कि दुर्गा पूजा समितियों को इनकम टैक्स के भेजे नोटिस का विरोध कर ममता बनर्जी ने एक तरह से केंद्र की मोदी सरकार को टारगेट किया है। वह कहते हैं कि इनकम टैक्स ने दुर्गा पूजा समितियों को जो नोटिस दिया हैं उसकी टाइमिंग पर जरूर सवाल उठाएंगे।

अगर दुर्गा पूजा समितियों में गड़बड़ी थी तो इनकम टैक्स विभाग को उस वक्त क्यों चेतना आ रही है जब बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। बंगाल में दुर्गा पूजा हर साल हो रही है तो ऐसे में इस बार ठीक दुर्गा पूजा के पहले समितियों को नोटिस भेजना कई सियासी सवालों को जन्म देता है।
 
वह कहते हैं कि देश के कई मंदिर समितियों और ट्रस्ट में पैंसों की गड़बड़ी के मामले सामने आए है ऐसे में उन पर कोई कार्रवाई न करके केवल बंगाल में पूजा समितियों को टारगेट करना दुर्भाग्यपूर्ण कहा जा सकता है और कहीं न कहीं एजेंसी की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाता है।
 
लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा ने जिस तरह ममता की छवि एक मुस्लिम तुष्टिकरण वाले और जय श्री राम विरोधी के तौर पर स्थापित की उसमें वह बहुत सफल भी रही। आज बंगाल में हिंदू और मुस्लिम की सियासत अपने चरम पर है और इसका सियासी माइलेज लेने में कोई भी दल पीछे नहीं रहना चाहता।
 
वहीं भाजपा के जय श्रीराम कार्ड के विरोध में अब ममता ने दुर्गा पूजा के बहाने बंगाली अस्मिता को उभारने का जो दांव चला है उसमें वह कितनी सफल हो गई यह देखना होगा।
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