शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Parliament Monsoon Session Opposition
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 16 जुलाई 2017 (17:29 IST)

मानसून सत्र इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

मानसून सत्र इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष - Parliament Monsoon Session Opposition
नई दिल्ली। संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान गौरक्षकों से जुड़े  घटनाक्रम, किसानों के प्रदर्शन, कश्मीर में तनाव, कुछ विपक्षी नेताओं के खिलाफ कथित  भ्रष्टाचार को लेकर कानून अनुपालन एजेंसियों की कार्रवाई, सिक्किम सेक्टर में चीन के  साथ जारी गतिरोध जैसे मुद्दे उठेंगे और विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास  करेगा। सोमवार को संसद में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोनों सदनों के वर्तमान  सदस्यों के निधन के मद्देनजर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद दिनभर के लिए स्थगित हो  जाएगी।
 
सत्र से 1 दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने कहा कि वह सरकार से चीन के साथ जारी  सीमा विवाद, कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति और गाय रक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हिंसा के  मुद्दों पर जवाब मांगेगी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि  सिक्किम में चीन के साथ सीमा को लेकर स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। उन्होंने साथ ही सीमा  विवाद के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया।
 
आजाद ने संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद  संवाददाताओं से कहा कि यह स्थिति चीन द्वारा पैदा की गई है। यह देश की सुरक्षा का  मामला है और हम इसे संसद में उठाएंगे। तृणमूल कांग्रेस ने बैठक का बहिष्कार किया  जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए थे।
 
आजाद ने कहा कि सरकार ने बातचीत के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। यहां तक कि कोई  झरोखा भी खुला नहीं है। कश्मीर में राजनीतिक घुटन का माहौल है। उन्होंने कहा कि हम  भीड़ द्वारा हिंसा, किसानों की आत्महत्या के मद्देनजर कृषि संकट के मुद्दे उठाएंगे। आजाद  ने कहा कि कांग्रेस सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के पक्ष में नहीं है, लेकिन उन्होंने  सरकार से आगे आकर मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति देने को कहा।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बैठक में कहा कि गाय की रक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त  नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री ने साथ ही राज्य सरकारों को कानून अपने हाथ में लेने  वालों के खिलाफ ‘बेहद सख्त’ कार्रवाई करने को कहा। 
 
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से 1 दिन पहले रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में मोदी  ने सांसदों से कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य के अधीन विषय है और इसलिए राज्य  सरकारों को गाय के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।  कांग्रेस, वामदल समेत अनेक विपक्षी दल गौरक्षा के नाम पर हिंसक घटनाओं को लेकर  सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।
 
विपक्ष की ओर से आर्थिक मोर्चे पर भी सरकार को घेरने की संभावना है और रोजगार के  अवसर एवं बेरोजगारी की समस्या को भी सदन में उठाया जा सकता है। जदयू अध्यक्ष  शरद यादव ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह रोजगार देने के अपने वादे को पूरा  करने में विफल रही है और विपक्ष इस मुद्दे को सदन में उठाएगा।
 
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार विपक्ष  की ओर से उठाए गए सभी मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार है। भाजपा इस  बारे में जोर देती रही है कि अर्थव्यवस्था, कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में राजग सरकार का रिकॉर्ड  पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार से बेहतर है।
 
सत्र के दौरान राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के कुछ सदस्यों के खिलाफ  कथित भ्रष्टाचार के मामलों की कानून अनुपालन एजेंसियों की ओर से जांच किए जाने और  ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं पर से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों की  जांच का विषय भी सत्र के दौरान उठ सकता है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षी दलों में दोफाड़ होने की उम्मीद है, क्योंकि वामदल और जदयू  की ओर से तृणमूल कांग्रेस और राजद का बचाव करने की संभावना नहीं दिख रही है।  (भाषा)
ये भी पढ़ें
गौरक्षकों को मोदी की चेतावनी