Inside Story : पाकिस्तानी साजिश की सुरंगें, सीमा पर बढ़ी सुरक्षाबलों की मुश्किल
जम्मू। एक और सुरंग का इस्तेमाल कर घुसपैठ कर इस ओर आने वाले आतंकियों को हालांकि सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था पर पाकिस्तान द्वारा अपनाई जा रही सुरंगों की रणनीति में फंसी बीएसएफ (BSF) आतंकी घुसपैठ के कारण किरकिरी का सामना करने को मजबूर है।
इंटरनेशनल बॉर्डर पर 2012 से अब तक 9 सुरंगों का पता लगाया जा चुका है। वर्ष 2012 और 2014 में अखनूर सेक्टर में दो सुरंगों का पता लगाया गया था। इसके अलावा, 2013 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी। वर्ष 2016 में दो और 2017 में भी दो सुरंगें मिली थीं। रविवार को भी एक और सुरंग का पता चलने के बाद बीएसएफ की परेशानी बढ़ गई है।
वर्ष 2016 में जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर पर सुरंगों के मिलने के बाद तारबंदी के साथ-साथ गहरी खाइयां खोदकर सुरंगों की तलाश तो की गई थी पर कामयाबी नहीं मिल पाई थी।
हालांकि तब बीएसएफ ने जमीन के नीचे खोदी गई सुरंगों का पता लगाने के लिए सरकार से उपकरणों की मांग की थी और इसराइल ने इस संबंध में उपकरण देने की पेशकश तो की पर अभी तक इस मामले पर कोई प्रगति नहीं हो पाई है। एक सुरक्षाधिकारी के बकौल, ग्राउंड पेनिटीरेटिंग राडार की सख्त जरूरत है ताकि पाकिस्तान की सुरंगों की रणनीति से निपटा जा सके।
जानकारी के लिए वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद बीएसएफ ने कहा था कि बिना पाकिस्तानी रेंजर्स की मदद के इस तरह की टनल बनाना नामुमकिन है। बीएसएफ ने तब पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ मीटिंग में इस हरकत को लेकर विरोध दर्ज कराया था।
वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में भी बीएसएफ को जम्मू के चमलियाल में 80 मीटर लंबी और 2 गुणा 2 फीट की एक सुरंग मिली थी। तब बीएसएफ ने कहा था कि सांबा सेक्टर में मारे गए 3 आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल किया था। फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाया गया था। उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्टूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी एक सुरंग मिली थी। सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है।
इस साल भी अभी तक दो सुरंगें सामने आ चुकी हैं। अगस्त के महीने में भी ऐसी ही सुरंग मिली थी और अब कल भी सांबा सेक्टर में सुरंग के सामने आने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस का वह दावा सच साबित हुआ है, जिसमें उसने कहा था कि आतंकी सीमा पार से सांबा सेक्टर से आए थे। यही नहीं पुलिस महानिदेशक तो यह भी दावा करते थे कि उनके ही इनपुट के बाद बीएसएफ ने इस सुरंग को खोजा था।