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Last Modified: गुरुवार, 31 जनवरी 2019 (20:05 IST)

रोजगार के आंकड़ों पर घिरी मोदी सरकार, कांग्रेस ने बताया राष्ट्रीय त्रासदी....

रोजगार के आंकड़ों पर घिरी मोदी सरकार, कांग्रेस ने बताया राष्ट्रीय त्रासदी.... - NoMo Jobs, Tweets Rahul Gandhi On Unemployment Report BJP Hits Back
नई दिल्ली। बेरोजगारी को लेकर राष्ट्रीय सेंपल सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) की लीक रिपोर्ट पर विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गई है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जहां इस रिपोर्ट में आए रोजगार के आंकड़ों को ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार दिया है, वहीं भाजपा ने इसे ‘फेक न्यूज’ बताते हुए गांधी की समझ पर सवाल उठाया है।
 
एक अंग्रेजी दैनिक में आज प्रकाशित खबर के अनुसार, बेरोजगारी की दर इस समय 45 साल के उच्चतम स्तर 6.1 प्रतिशत पर है। गांधी ने खबर की कॉपी साझा करते हुए ट्वीट किया है कि “नमो जॉब्स! फ्यूरर (हिटलर) ने हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा किया था। पांच साल बाद रोजगार सृजन की उसकी लीक रिपोर्ट में राष्ट्रीय त्रासदी सामने आई है। बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा है कि वर्ष 2017-18 में 6.5 करोड़ युवा बेरोजगार थे। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि नमो की विदाई का समय आ गया है।
इसके जवाब में भाजपा ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि यह स्पष्ट है कि वे (इटली के तानाशाह) मुसोलिनी की तरह निकट दृष्टि दोष से ग्रसित हैं और मुद्दों की उनकी समझ कम है। ईपीएफओ के वास्तविक आंकड़े पिछले 15 महीने के दौरान रोजगार सृजन में तेजी दिखा रहे हैं।
 
भाजपा ने लिखा है कि इस तरह के फेक न्यूज वही फैला सकता है जिसने कभी कोई ढंग का रोजगार नहीं किया और पूरी तरह बेरोजगार है।
 
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार रोजगार की उपलब्धता को लेकर जिस रिपोर्ट को दबाना चाहती थी वह सामने आ गई है और उसने साफ कर दिया है कि मोदी सरकार देश को गुमराह कर रही है।
 
उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ा जारी करने वाली हमारी संस्था की देश ही नहीं, पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा है लेकिन मोदी सरकार उस रिपोर्ट को दबाए बैठे थी लेकिन जब वह लीक हुई तो उसको ठीक करने का सरकार ने प्रयास किया है।
 
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने 2 करोड़ लोगों को हर साल नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन सच्चाई यह है कि नोटबंदी को अपनी उपलब्धि बताने वाली इस सरकार में बड़े पैमाने पर लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हुआ है।
 
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष बेरोजगारों की संख्या 5 प्रतिशत से बढ़कर 17 प्रतिशत पहुंची है जबकि 25 से 29 साल की महिलाओं में बेरोजगारी 4.8 प्रतिशत से बढ़कर 9 प्रतिशत हो गई है।
 
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में नोटबंदी के बाद हालात बहुत खराब हुए और इनमें बेरोजगार पुरुषों की संख्या 10.6 प्रतिशत बढ़कर 18 प्रतिशत हुई है। महिलाओं में इस दौरान बेरोजगारी बढ़ने का आंकड़ा चौंकाने वाला है और यह 13.7 प्रतिशत से बढ़कर 27.2 प्रतिशत हुआ है।
 
शर्मा ने कहा कि युवाओं में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है और अब तक के सबसे ऊंचे 7.8 प्रतिशत के स्तर पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह 5.3 प्रतिशत है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की आबादी में युवाओं की जो प्रतिशत है उनमें बेरोजगारी उससे ज्यादा प्रतिशत तक पहुंच गई है।
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रोजगार के लीक आंकड़ों पर तंज करते हुए कहा कि हम राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हैं और जीडीपी तथा रोजगार के बेदाग आंकड़े जारी करने के संघर्ष के लिए आभार जताते हैं।
 
कांग्रेस के एक अन्य नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि इस सरकार की नीति है कि आंकड़े असहज करने वाले हों तो उन्हें इनमें बदलाव कर दो। यदि विशेषज्ञ स्वतंत्र रूप से काम करें तो उन्हें निष्क्रिय कर दो और इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दो और अगर आंकड़ों में बदलाव करना संभव नहीं हो तो गणना का आधार ही बदल दो।
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