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Last Updated : सोमवार, 12 दिसंबर 2016 (14:06 IST)

डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो पढ़ें काम की बातें, वरना...

डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो पढ़ें काम की बातें, वरना... - Must read if you are using Debit or Credit card
इस दिनों देशभर में नकद की किल्ल्त को देखते हुए बहुत से लोग प्लास्टिक मनी या डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी इस समस्या से निपटने के लिए कैशलेस इकॉनामी को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौर को सायबर लुटेरे एक सुनहरा अवसर मान रहे हैं। और इनकी निगाहें है आप के डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर!! 
सायबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेताया है कि भारत में सायबर सुरक्षा उपाय और कानून अन्य देशों के मुकाबले बेहद कमजोर है। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि नोटबंदी के बाद बढ़ रहे कैशलेस लेन-देन पर साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई हैकर्स ग्रुप की नजर इन डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर है। 
 
यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि इसका निशाना माइक्रो एटीएम और पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें हैं जो हैक करने या डेटा कॉपी करने के हिसाब से सबसे आसान हैं। इनसे क्रेडिट/ डेबिट कार्ड्स का डेटा आसानी से चोरी हो सकता है। यह चेतावनी देश की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने दी है। सीईआरटी-इन ने सभी ग्राहकों, बैंकर्स व कारोबारियों को एजेंसी ने स्कीमिंग और मालवेयर के हमले से बचने के उपाय को अपनाने के लिए कहा है।
 
सीईआरटी-इन ने बताया है कि 'कोई डाटा चोर स्वाइप मशीन में एक छोटे इलेक्ट्रानिक उपकरण (स्कीमर मशीन यानी कार्ड रीडर) को लगाकर डेबिट और क्रेडिट कार्ड का गोपनीय नंबर और पासवर्ड जान सकता है। इसके साथ माइक्रो एटीएम और पीओएस के लिए दो अलग एडवाइजरी जारी की गई हैं। सीईआरटी-इन की यह चेतावनी काफी अहम है।
 
उल्लेखनीय है कि गत अक्टूबर महीने में भी विभिन्न बैंकों के 32 लाख कार्ड्स का डाटा चोरी होने का मामला सामने आया था। हैकर्स ने उसके जरिये करीब 1.30 करोड़ रुपए चुरा भी लिए थे। आइए जानते हैं कि कैसे चुराते हैं हैकर आपका गुप्त डेटा और कैसे बचाएं अपने पैसे को हैकर्स से... Read more... 

माइक्रो एटीएम व पीओएस जीपीआरएस के जरिये बैंकों के सर्वरों से जुड़े होते हैं। हैकर्स आसानी से डाटा चुरा सकते हैं। पीओएस में डाटा इनपुट टैक्स्ट में होता है यानी पिन समेत कार्ड की जानकारी जस की तस सर्वर में दर्ज होती है। हैकर्स डाटा से आपके पैसे चोरी कर सकते हैं। हैकर्स माइक्रो एटीएम व पीओएस के पास छोटी सी स्कीमर मशीन या कार्ड रीडर लगाकर डाटा चोरी कर सकते हैं।
पीओएस मशीन विक्रेता भी रखें सावधानी : दुकानदारों को भी इस मामले में सावधानी बरतना आवश्यक है, उन्हें चाहिए कि उपयोग न हो तो मशीन लॉगआउट करें। माइक्रो एटीएम सॉफ्टवेयर व एंटी वायरस अपडेट रखें। पासवर्ड बदलते रहें। वाई-फाई, इंटरनेट कनेक्शन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
 
खतरा बहुत बड़ा है: आपने डिजिटल वॉलेट्स भी सुरक्षित नहीं, डिजिटल वॉलेट्स साइबर हैकर्स के आसान टारगेट हैं क्योंकि इनमें संबंधित व्यक्ति के डेबिट व क्रेडिट कार्ड से संबंधित सारी सूचनाएं दर्ज होती हैं और कंपनियां इसके सिक्युरिटी फीचर्स को बहुत कम अपडेट करतीं हैं। इसलिए साइबर हैकर्स द्वारा आपके डिजिटल वॉलेट्स से पैसे निकालने की आशंका बढ़ जाती है।
 
जानिए कैसे हैक होता है डेबिट या क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड : साइबर हैकर्स पीओएस मशीन को इंटरनेट के द्वारा हैक कर सकते हैं और इसके जरिये भी आपके डेबिट व क्रेडिट कार्ड का डाटा चोरी कर सकते हैं। हैकर्स पासवर्ड का पता चलते ही एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं। कैसे बचाएं अपने पैसे को हैकर्स से...

कैसे बचाएं अपना पैसा : याद रहे कि आसान पासवर्ड का इस्तेमाल कभी न करें, इस पासवर्ड में अक्षर और न्युमरिक भी होने चाहिए। सुरक्षा विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अकाउंट को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो कभी भी अपने बर्थ डेट या नाम का इस्तेमाल कर पासवर्ड नहीं बनाएं क्योंकि ये बहुत आसानी से क्रैक किए जा सकते हैं। इसके अलावा हमेशा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का इस्तेमाल करें और यदि वेबसाइट विश्वसनीय नहीं हो तो कभी भी उस पर कार्ड के डिटेल्स को सेव ना करें।
कई जगह सायबर चोरों द्वारा नकली बैंक अफसर बन दुकानदार की मशीनों पर हैकिंग डिवाइस लगाई है। इससे बचने के लिए बैंक से तसदीक करें कि उन्होंने किसी को भेजा है। सेफ्टी फीचर्स मजबूत व लगातार अपडेट करना जरूरी है। डाटा टेक्स्ट की जगह सांकेतिक भाषा (इन्क्रिप्टेड) ​​में सर्वर में दर्ज हो ताकि डाटा चोरी हो तो हैकर्स कुछ न कर पाएं। ट्रांजेक्शन करते वक्त देखें कि कार्ड स्वाइप मशीन से कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तो नहीं जुड़ी है। सिर्फ मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड की जगह चिप वाले कार्ड का इस्तेमाल करें।
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