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Last Updated : गुरुवार, 29 सितम्बर 2016 (14:08 IST)

जानिए कैसे हुई सर्जिकल स्ट्राइक, कई किमी अंदर घुस कर मारा आतंकियों को...

जानिए कैसे हुई सर्जिकल स्ट्राइक, कई किमी अंदर घुस कर मारा आतंकियों को... - Indian Army strikes terror launch pads across LoC
भारत ने उड़ी आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए नियंत्रण रेखा पार कर आतंकवादियों के लांचिग पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकियों को मार गिराया। पहले खबर आई थी कि नियंत्रण रेखा पर बुधवार रात को संघर्षविराम का उल्लंघन हुआ। गोलीबारे में पाकिस्तान के दो जवान भी मारे गए हैं। लेकिन इस स्थिति को स्पष्ट करते हुए भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस वार्ता में आतंकियों पर हमले के बारे में बताया। 
माना जा रहा है कि यह हमला रात करीब ढाई बजे के बाद हुआ। पाकिस्तान के इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स ने भी माना कि रात 2.30 से लेकर सुबह 8 बजे तक भारी गोलीबारी हुई। मीडिया में आ रही अपुष्ट खबरों के अनुसार भारतीय सेना के विशेष कमांडो दस्ते ने एक घंटे से भी कम वक्त ने वहां 38 आतंकी मार गिराए। 
भारतीय सैन्य दस्ता हेलिकॉप्टर के जरिए नियंत्रण रेखा के अंदर 2 किमी अंदर उतरा। आतंकियों को बचाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैन्य दस्ते पर गोलीबारी की जिसका भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब दिया। माना जा रहा है कि इस हमले में आतंकियों की मदद कर रहे कुछ पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस अभियान के बाद सभी भारतीय सैनिक सुरक्षित भारतीय सीमा में लौट गए।
 
उल्लेखनीय है कि भारत की पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा 2313 किलोमीटर लंबी है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) 772 किलामीटर लंबी है। जम्मू-कश्मीर वाली नियंत्रण रेखा से ही सबसे ज्यादा घुसपैठ होती है। पाक अधिकृत कश्मीर के भीमबर, केल और लीप में भारतीय सेना ने चुनिंदा स्थानों पर हमले किए। 
बताया जाता है कि सेना का निशाना मुख्य रूप से जैश-ए-मुहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों और लांच पैड रहे। भारतीय सेना ने लगभग 5 से 7 आतंकी शिविरों को नेस्तोनाबूद कर दिया। हालांकि अभी तक पाकिस्तानी सेना को हुए नुकसान की कोई खबर नहीं सामने आई है लेकिन सेना के जुडे सूत्र किसी बड़े नुकसान के संकेत दे रहे हैं। 
 
इस कार्यवाई की खबर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दे दी थी। वहीं रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सेनाध्यक्ष दलबीरसिंह सुहाग वॉररूम से पूरी कार्रवाई की निगरानी कर रहे थे।