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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: मंगलवार, 23 मार्च 2021 (16:41 IST)

वैष्णो देवी के दरबार में 20 साल में भक्तों ने चढ़ाया 1800 किलो सोना और 4700 किलो चांदी

वैष्णो देवी के दरबार में 20 साल में भक्तों ने चढ़ाया 1800 किलो सोना और 4700 किलो चांदी - devotees offered 1800 kg gold and 4700 kg silver Vaishno Devi  In 20 years
जम्मू। तिरुपति के बाद शायद वैष्णो देवी का ही तीर्थस्थान ऐसा है जहां भक्तों ने दिल खोलकर सोना और चांदी चढ़ाया है। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा दिए गए आंकड़ों से यही लग रहा है कि वैष्णो देवी आने वाले भक्तों की की श्रद्धा कभी भी डगमगाई नहीं है।
 
हर साल वे दिल खोलकर माता के भवन में सोना-चांदी व नकदी का खुलकर दान करते हैं। श्राइन बोर्ड भी भक्तों के इस दान का उन्हीं की सुविधाओं और जनकल्याण का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटता।
 
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार हर साल माता के भवन में औसतन 90 किलो सोना श्रद्धालु चढ़ाते हैं। पिछले 20 सालों में माता के दरबार में 1800 किलोग्राम सोना चढ़ा है। यही नहीं, चांदी चढ़ाने में भी श्रद्धालु पीछे नहीं हैं। इसी अवधि के दौरान माता के दरबार में 4700 किलोग्राम चांदी चढ़ाई गई। अर्थात हर साल औसतन 200 किलो से भी ज्यादा चांदी के सिक्के, मुकुट व आभूषण माता को भेंट किए गए। इस कारण त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान मां वैष्णो की यात्रा की देखभाल कर रहा श्राइन बोर्ड भारत के अमीर श्राइन बोर्ड में से एक है।
माता के दरबार में श्रद्धालु न सिर्फ अपनी आस्था के अनुसार सोना और चांदी चढ़ाते हैं बल्कि नकद राशि चढ़ाने में भी पीछे नहीं हटते। पिछले 20 सालों में अर्थात 2001 से 2020 तक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में 2000 करोड़ रुपए नकद भी चढ़ाए। यह मंदिर 108 शक्ति पीठ में से एक है, जो कि मां दुर्गा को समर्पित है। यही नहीं, माता के दरबार में श्रद्धालु भी हर साल लाखों की संख्या में आते हैं। माता की यह पवित्र गुफा उन चंद धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां पर श्रद्धालु हर साल लाखों की संख्या में दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।
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अगर गत वर्ष कोरोना महामारी के दौर को छोड़ दें तो यहां पर हर साल रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। साल 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के गठन के बाद से ही श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती गई। साल 2000 तक पहुंचते-पहुंचते श्रद्धालुओं की संख्या 50 लाख के आंकडे को पार कर गई।

2011 और 2012 में तो श्रद्धालुओं की संख्या 1 करोड़ के पार चली गई थी, वहीं पिछले साल कोरोना के कारण यह संख्या 17 लाख ही रह गई। इस साल फिर से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड भी श्रद्धालुओं से मिलने वाले इस दान का इस्तेमाल श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ही कर रहा है। साल 2019 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जल संरक्षण के लिए पहला नेशनल वॉटर अवार्ड मिला था।
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