धार्मिक पहचान वाले दलों का पंजीकरण रद्द नहीं होगा
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें धर्म, जाति, पंथ, ईश्वर या समुदाय के नामों पर आधारित राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का आग्रह किया गया था। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिका प्रेरित है।
मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने कहा कि वे निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई व्याख्या से संतुष्ट हैं और मुद्दे को चुनाव इकाई द्वारा देखा जाएगा। पीठ ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग इससे संबद्ध है। वे इसे देखेंगे। यह (याचिका) प्रेरित है। इसने आगे कहा कि हम भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई व्याख्या से संतुष्ट हैं।
पीठ ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उठाए गए इस कदम के मद्देनजर कि वर्ष 2005 के बाद उसने धार्मिक, जाति, पंथ, नस्ल, ईश्वर या समुदाय के नाम से पहचान रखने वाले किसी राजनीतिक दल का पंजीकरण नहीं किया है, सिटीजन राइट्स फाउंडेशन ने याचिका दायर कर इस तरह के राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने से रोके जाने का आग्रह किया था।
इसने अदालत से निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का आग्रह किया था कि वह अदालत द्वारा निर्धारित की गई अवधि के भीतर इन राजनीतिक दलों का नाम बदले जाने के लिए कार्रवाई करे।
याचिका में आरोप लगाया गया कि धर्म, जाति, पंथ, नस्ल, ईश्वर या समुदाय के नामों से पहचान रखने वाले राजनीतिक दलों को पंजीकरण दिया जाना भारत के संविधान तथा जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों तथा इसके तहत निर्धारित नियम, नियमन तथा दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।
इसमें दावा किया गया था कि ऐसे 16 पंजीकृत राजनीतिक दल हैं जिनके नामों की पहचान धर्म से संबंधित है और उन्हें जनता से चंदा जुटाने से रोका जाना चाहिए। (भाषा)